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क्लैट 2025: परीक्षा परिणाम को चुनौती देने वाली याचिकाएं दिल्ली उच्च न्यायालय को हस्तांतरित

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नयी दिल्ली, छह फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में, वर्ष 2025 की संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा(क्लैट) के परिणामों को चुनौती देते हुए विभिन्न उच्च न्यायालयों में दायर याचिकाओं को दिल्ली उच्च न्यायालय को हस्तांतरित कर दिया ताकि इन याचिकाओं पर उपयुक्त निर्णय लिया जा सके।

राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय संघ (सीएनएलयू) की याचिकाओं को अनुमति देते हुए प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति के. वी. विश्वनाथन की पीठ ने आदेश दिया कि सभी याचिकाओं पर तीन मार्च को दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ सुनवाई करेगी।

न्यायालय ने आदेश दिया, ‘‘संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा, पीजी (स्नातकोत्तर) और यूजी (स्नातक) से संबंधित मामले दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ को हस्तांतरित कर दिए जाएंगे, जहां ‘लेटर पेटेंट’ अपील (एक याचिकाकर्ता द्वारा एकल न्यायाधीश के निर्णय के विरुद्ध उसी न्यायालय की दूसरी पीठ में की जाने वाली अपील) लंबित है। न्यायिक रिकॉर्ड को सात दिनों के भीतर शीघ्रता से हस्तांतरित किया जाए।’’

पिछले साल दिसंबर में आयोजित संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा(क्लैट), 2025 देश के राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में स्नातक और स्नातकोत्तर विधि पाठ्यक्रमों में प्रवेश निर्धारित करता है। परीक्षा में कई प्रश्न गलत होने का आरोप लगाते हुए विभिन्न उच्च न्यायालयों में कई याचिकाएं दायर की गईं।

पीठ ने किसी अन्य उच्च न्यायालय में लंबित किसी भी अन्य मामले को दिल्ली उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने का भी निर्देश दिया।

पीठ ने कहा, ‘‘हम एक व्यापक आदेश पारित करना चाहते हैं कि किसी अन्य उच्च न्यायालय या किसी अन्य मामले में प्रतिवादी/सीएनएलयू को दिल्ली उच्च न्यायालय में मामले को हस्तांतरित करने के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष इस आदेश की एक प्रति दाखिल करने का अधिकार है।’’

शीर्ष अदालत ने बंबई, कर्नाटक, पंजाब एवं हरियाणा, मध्य प्रदेश और कलकत्ता समेत कई उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रारों को निर्देश दिया कि वे लंबित मामलों के न्यायिक रिकॉर्ड सात दिन के भीतर दिल्ली उच्च न्यायालय को हस्तांतरित करें।

पीठ ने 15 जनवरी को संकेत दिया था कि वह सभी याचिकाओं को एक उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करेगी और इसके लिए पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को प्राथमिकता दी जा सकती है।

देश के प्रमुख विधि विश्वविद्यालयों में विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एक दिसंबर 2024 को क्लैट स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) परीक्षा आयोजित की गई थी।

विभिन्न उच्च न्यायालयों में कई याचिकाएं दायर की गईं, जिनमें आरोप लगाया गया है कि स्नातक परीक्षा में कई प्रश्न गलत थे।

पीजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए क्लैट परिणामों को चुनौती देते हुए भी कई याचिकाएं दायर की गई थीं।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि सभी याचिकाओं को एक ही उच्च न्यायालय में हस्तांतरित करने से त्वरित और उपयुक्त निर्णय सुनिश्चित होगा।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीएनएलयू का प्रतिनिधित्व किया, जिसने अधिवक्ता प्रीथा श्रीकुमार अय्यर के माध्यम से अपनी याचिका दायर की। मेहता, मामलों के हस्तांतरण से सहमत थे, लेकिन उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय को मामलों की सुनवाई करने का सुझाव दिया था।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 20 दिसंबर 2024 को क्लैट-यूजी 2025 परीक्षा के दो प्रश्नों में त्रुटियों पर गौर किया था और सीएनएलयू को अपने परिणामों को संशोधित करने का निर्देश दिया था।

राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में पांच वर्षीय एलएलबी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए क्लैट 2025 एक दिसंबर को आयोजित किया गया था और परिणाम 7 दिसंबर 2024 को घोषित किए गए थे।

भाषा सुरभि सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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