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Friday, 31 May, 2024
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CJI एनवी रमन्ना ने आंध्र प्रदेश की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग किया

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ आंध्र प्रदेश की याचिका पर सुनवाई करती है तो केंद्र सरकार को कोई आपत्ति नहीं है.

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नई दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमन्ना ने बुधवार को अपने आप को आंध्र प्रदेश की उस याचिका पर सुनवाई से अलग कर लिया जिसमें आरोप लगाया गया कि तेलंगाना ने उसे कृष्णा नदी से पीने और सिंचाई के पानी के उसके वैध हिस्से से वंचित कर दिया है.

पीठ ने आंध्र प्रदेश की ओर से पेश हुए वकील की उन दलीलों पर गौर किया कि राज्य मध्यस्थता का विकल्प चुनने के बजाय उच्चतम न्यायालय की पीठ द्वारा इस मामले पर फैसला चाहता है. पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत भी शामिल थे. इस पर सीजेआई ने आदेश दिया, ‘फिर इस मामले को किसी और पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करिए.’

केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अगर सीजेआई की अगुवाई वाली पीठ आंध्र प्रदेश की याचिका पर सुनवाई करती है तो केंद्र सरकार को कोई आपत्ति नहीं है.

इससे पहले शीर्ष न्यायालय ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को अपने विवादों को हल करने के लिए ‘मध्यस्थता’ का सुझाव देते हुए कहा था कि वह ‘अनावश्यक’ रूप से हस्तक्षेप नहीं करना चाहता.

आंध्र प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले सीजेआई ने दो अगस्त को कहा था, ‘मैं कानूनी रूप से इस मामले पर सुनवाई नहीं करना चाहता. मेरा संबंध दोनों राज्यों से है. अगर यह मामला मध्यस्थता से हल होता है तो कृपया ऐसा करिए. हम उसमें मदद कर सकते हैं. वरना मैं इसे दूसरी पीठ के पास भेज दूंगा.’


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