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Wednesday, 24 April, 2024
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नागरिकता विधेयक को पास कराने की तैयारी में मोदी सरकार, सोमवार से शुरू होगा संसद का शीतकालीन सत्र

केंद्र सरकार सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कराने पर जोर दे सकती है.

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नई दिल्ली: संसद का शीतलकालीन सत्र सोमवार से शुरू होगा. शीतलकालीन सत्र 18 नवंबर से शुरु होकर 13 दिसंबर तक चलेगा. मोदी सरकार इस सत्र में कई महत्वपूर्ण अध्यादेशों को संसद में पारित करवाने पर जोर देगी. वहीं विपक्ष बढ़ती हुई मंहगाई के साथ साथ आर्थिक मोर्चा, कश्मीर जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरेगा. 27 दलों के सदस्यों ने बैठक में भाग लिया.

सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, अधीर रंजन चौधरी, बीएसपी से सतीश चंद्र मिश्र, टीएमसी से डेरेकओ ब्रायन, सुदीप बंदोपाध्याय, डीएमके से टीआर बालू, एसपी से रामगोपाल यादव, आरजेडी से मनोज झा समेत तमाम दलों के कई नेता शामिल हुए.

लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में, विपक्ष ने मांग की कि सत्र के दौरान आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और कृषि संकट के मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए.

संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं को बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि संसद का सबसे महत्वपूर्ण काम चर्चा और बहस करना है.

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जोशी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सत्र भी पिछले सत्र जितना ही फलदायी होना चाहिए. उन्होंने मोदी को यह कहते हुए उद्धृत किया, ‘सरकार सदनों के नियमों और प्रक्रियाओं के दायरे में सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है.’

प्रधानमंत्री ने बैठक में कहा कि संसद में रचनात्मक चर्चा नौकरशाही को भी सतर्क रखती है. सूत्रों ने बताया कि विपक्षी नेताओं ने फारुक अब्दुल्ला की हिरासत का मुद्दा उठाया और मांग की कि उन्हें सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जाए, लेकिन सरकार की ओर से कोई निश्चित प्रतिक्रिया नहीं मिली.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद हसनैन मसूदी ने बताया कि फारुक अब्दुल्ला की हिरासत का मुद्दा सर्वदलीय बैठक में उठाया गया. उन्होंने कहा कि संसद के सत्र में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना सरकार का संवैधानिक दायित्व है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा, ‘किसी सांसद को अवैध रूप से हिरासत में कैसे लिया जा सकता है? उन्हें संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए.’

केंद्र सरकार द्वारा बुलाई गई इस बैठक का संचालन संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल ने किया.

आपको बता दें शनिवार शाम को संसद भवन परिसर में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने शीतकालीन सत्र को लेकर एक सर्वदलीय बैठक ली थी. बैठक में पीएम मोदी, संसदीय कार्य मंत्री समेत कई दलों के प्रमुख नेता मौजूद रहे थे.

शीतकालीन सत्र के लिए सरकार के एजेंडा में नागरिकता विधेयक

केंद्र सरकार सोमवार से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कराने पर जोर दे सकती है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सरकार ने सत्र के लिए अपनी कार्यसूची में नागरिकता संशोधन विधेयक रखा है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने इस सत्र के कामकाज में इस विधेयक को सूचीबद्ध किया है.

भाजपा नीत राजग सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी विधेयक पेश किया था लेकिन विपक्षी दलों के कड़े विरोध के कारण इसे पारित नहीं करा सकी. विपक्षी दलों ने विधेयक को धार्मिक आधार पर भेदभावपूर्ण बताया था.

पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद विधेयक निष्प्रभावी हो गया था.विधेयक में धार्मिक उत्पीड़न के कारण बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदुओं, जैनों, ईसाइयों, सिखों, बौद्धों तथा पारसियों को भारतीयों को नागरिकता देने का प्रावधान है.पिछली बार सरकार जब इस विधेयक को पेश किया था जब असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में विधेयक का विरोध हुआ था.

इसके अलावा दिल्ली की अवैध कालोनियों को नियमि​त करने संबंधी विधेयक ,ड्यूटी के दौरान डॉक्टरों पर हमला करने वालों पर जुर्माना लगाने, कॉर्पोरेट टैक्ट में कटौती और ई-सिगरेट पर पाबंदी संबंधी दो अधिसूचनाओं को कानून में बदलने संबंधी पेश बिल भी सदन में पेश किया जा सकता है.

मोदी सरकार को यह दूसरा संसद का सत्र है. विपक्ष आर्थिक मंदी और रोजगार में कमी के मुद्दे पर सरकार को घेरेगा. इसके अलावा महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम पर भी संसद में हंगामा हो सकता है.

17 वीं लोकसभा के पहले सत्र में रिकार्ड 35 विधेयक हुए थे पास

17 वीं लोकसभा के पहले सत्र में रिकार्ड 35 विधेयक पास हुए थे.इससे 1952 में बनी पहली लोकसभा के पहले सत्र में 24 विधेयकों को पास करने का रिकार्ड भी टूट गया था.इस दौरान जम्मू कश्मीर पुनर्गठन बिल,तीन तलाक जैसे महत्वपूर्ण बिल शामिल थे. 17 जून से 6 अगस्त तक चले इस सत्र में कुल 37 बैठकें हुई. लोकसभा की कार्यवाही 280 घंटे तक चली.

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