जयपुर, 12 मार्च (भाषा) राजस्थान संस्कृत अकादमी तथा कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित किए जा रहे एक महीने के माघ महोत्सव के तहत शनिवार को जवाहर कला केन्द्र में दो दिवसीय राष्ट्रीय संस्कृत फिल्म महोत्सव की शुरुआत हुई।
राजस्थान के कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने शनिवार को रिफ फिल्म क्लब एवं जवाहर कला केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इस उत्सव का उद्घाटन किया।
प्रदेश में यह पहला और देशभर में दूसरा मौका है जब संस्कृत भाषा में निर्मित फिल्मों का उत्सव आयोजित किया जा रहा है।
समारोह के पहले दिन नब्बे मिनट की विनोद मंकर लिखित और निर्देशित ‘प्रियमानसम’ की स्क्रीनिंग की गई। यह फिल्म केरल के महान लेखक उन्नयी वॉरियर के जीवन चरित्र और 17वीं शताब्दी में उनके लिखे नल चरित्रम पर आधारित है जिसमें नल और दमियन्ती की चर्चित कथा का फिल्मांकन किया गया है।
इस फिल्म को 63वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में संस्कृत भाषा में बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्म का पुरस्कार मिल चुका है।
राजस्थान संस्कृत अकादमी के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘फिल्म का संगत श्रीवत्स जे. मेनन ने दिया है और वह विभिन्न शास्त्रिय राग-रागनियों पर आधारित है। इसमें राजेश हेब्बर, देवन, कोचू प्रेमन, प्रतीक्षा काशी, मीरा श्रीनारायणन और रचना नारायण कुट्टी ने मुख्य भूमिका निभायी है।’’
शनिवार की शाम 95 मिनट लंबी सुरेश गायत्री निर्देशित फिल्म ‘मधुरस्मितम’ की स्क्रीनिंग की गई। यह पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की पुस्तक ‘विंग्स ऑफ फॉयर’ पर आधारित है।
समारोह के दूसरे दिन 13 मार्च को निधीश गोपी निर्देशित फिल्म ‘प्रतिकृति’ की स्क्रीनिंग की जाएगी।
भाषा कुंज बिहारी अर्पणा
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