नयी दिल्ली, 30 मार्च (भाषा) लोकसभा सांसद चिराग पासवान ने अपने दिवंगत पिता रामविलास पासवान को आवंटित बंगले को खाली करने की प्रक्रिया बुधवार को शुरू कर दी। इससे पहले उन्हें पिछले साल जारी किए गए एक निष्कासन आदेश को अमल में लाने के लिए एक सरकारी टीम यहां भेजी गई थी।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले संपदा निदेशालय की एक टीम के वहां पर पहुंचने के तुरंत बाद लुटियंस दिल्ली में जनपथ स्थित बंगले से फर्नीचर और घरेलू सामान ले जाने की प्रक्रिया शुरू हुई।
लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के आधिकारिक पते 12 जनपथ बंगले से सामान लदे दो ट्रक बाहर निकले, जबकि तीन और बंगले के सामने खड़े थे।
अधिकारियों ने कहा कि बंगला केंद्रीय मंत्रियों के लिए रखा गया है और सरकारी आवास में रहने वालों को इसे खाली करने के लिए कहा गया है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की मृत्यु के बाद चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच मतभेदों के चलते लोजपा दो धड़ों विभाजित हो गई। दोनों लोजपा के नेतृत्व के लिए अड़े हुए हैं।
इसका बंगले का उपयोग पार्टी की संगठनात्मक बैठकों और अन्य संबंधित कार्यक्रमों के आयोजन के लिए नियमित रूप से किया जाता था।
देश के प्रमुख दलित नेताओं में से एक राम विलास पासवान का अक्टूबर 2020 में 74 साल की उम्र में निधन हो गया था। वह केंद्र की कई सरकारों में 1989 से मंत्री रहे।
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प्रशांत उमा
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