बीजिंग: चीन की संसद ने बृहस्पतिवार को हांगकांग के लिए एक नए विवादास्पद सुरक्षा कानून को मंजूरी दे दी जिससे पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी में बीजिंग के अधिकार को कमजोर करना एक अपराध हो जाएगा.
इस नए कानून से चीनी सुरक्षा एजेंसियां पहली बार हांगकांग में अपने प्रतिष्ठान खोल सकती हैं.
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) ने हांगकांग के लिए नए सुरक्षा कानून समेत आखिरी दिन कई विधेयकों को मंजूरी दी.
अब कम्युनिस्ट पार्टी की स्थायी समिति ने यह विधेयक पारित कर दिया है और यह अगस्त तक कानून बन सकता है.
विधेयक की पूरी जानकारी अभी मालूम नहीं है.
हांगकांग में अधिकारियों ने कहा कि यह कानून बढ़ती हिंसा और ‘आतंकवाद’ पर लगाम लगाने के लिए आवश्यक है और क्षेत्र के निवासियों को इससे डरने की जरूरत नहीं है.
आलोचकों को डर है कि इस कानून से बीजिंग में नेतृत्व पर सवाल उठाने, प्रदर्शन में शामिल होने और स्थानीय कानून के तहत अपने मौजूदा अधिकारों का उपयोग करने के लिए हांगकांग निवासियों पर मुकदमा चलाया जा सकता है.
चीन के इस कदम से हांगकांग में प्रदर्शनों का नया दौर शुरू हो गया है.
हांगकांग की संसद ने जब एक अलग प्रस्तावित कानून पर चर्चा शुरू की तो बुधवार को फिर से झड़पें शुरू हो गई. इस विवादित कानून से चीन के राष्ट्रगान का अपमान करना अपराध के दायरे में आ जाएगा.
अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने नए सुरक्षा कानून की निंदा करते हुए इसे हांगकांग वासियों की आजादी पर हमला बताया.
कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के बीच अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के साथ ही व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हांगकांग के लिए चीन के नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून से ‘नाखुश’’ है.
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बुधवार को कांग्रेस को सूचित किया कि ट्रम्प प्रशासन अब हांगकांग को चीनी भूभाग का स्वायत्त क्षेत्र नहीं मानता जिससे पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी को अमेरिका द्वारा दिए व्यापार और वित्तीय दर्जे में प्राथमिकता को वापस लेने की संभावना पैदा हो गई है.
बहरहाल ‘हांगकांग बार एसोसिएशन’ ने कहा कि चीन का प्रस्तावित नया सुरक्षा कानून अदालतों में दिक्कतों में फंस सकता है क्योंकि बीजिंग के पास अपने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को पूर्व ब्रिटिश कॉलोनी के लिए लागू करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है.