नयी दिल्ली, 27 जनवरी (भाषा) कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बृहस्पतिवार को बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने अरुणाचल प्रदेश के लापता युवक को भारतीय सेना को सौंप दिया है।
उन्होंने कहा कि युवक को बृहस्पतिवार को अरुणाचल प्रदेश में वाचा-दमई इंटरेक्शन प्वाइंट पर भारतीय सेना को सौंप दिया गया।
अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिले से 19 वर्षीय मिराम तारोन 18 जनवरी को लापता हो गया था।
मंत्री ने एक ट्वीट में बताया कि लड़के की चिकित्सकीय जांच सहित अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं।
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ चीन के पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के मिराम तारोन को भारतीय सेना को सौंप दिया। चिकित्सकीय जांच सहित अन्य प्रक्रियाएं पूरी की जा रही हैं।’’
बाद में एक अन्य ट्वीट में, उन्होंने पीएलए के साथ मामले को सावधानीपूर्वक आगे बढ़ाने और युवक को सुरक्षित वापस लाने के लिए सेना को धन्यवाद दिया।
बाद में एक अन्य ट्वीट में, रिजिजू ने पीएलए के साथ मामले को सावधानीपूर्वक आगे बढ़ाने और युवाओं को सुरक्षित वापस लाने के लिए सेना को धन्यवाद दिया। उन्होंने सैनिकों का साथ खड़े युवक की तस्वीर भी साझा की।
उन्होंने लिखा, ”चीन की पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के युवक श्री मिराम तारोन को आज अरुणाचल प्रदेश में वाचा-दमई इंटरेक्शन पॉइंट पर भारतीय सेना को सौंप दिया।”
मंत्री ने कहा, ”मैं पीएलए के साथ मामले पर सावधानीपूर्वक आगे बढ़ने और हमारे युवक को सुरक्षित घर वापस लाने के लिए भारतीय सेना को धन्यवाद देता हूं।”
लोकसभा सांसद रिजिजू ने मंगलवार को बताया था कि चीन ने 20 जनवरी को भारतीय सेना को सूचित किया था कि उन्हें अपनी ओर एक लड़का मिला है और उसकी पहचान की पुष्टि के लिए और जानकारी मांगी थी।
रिजिजू ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा था, ‘‘पहचान की पुष्टि करने में चीन की मदद के लिए, भारतीय सेना ने उनके साथ उसका व्यक्तिगत विवरण और तस्वीर साझा की है। चीन के जवाब का इंतजार है।’’
बयान में कहा गया था, ‘‘ कुछ लोगों ने बताया है कि चीन के पीएलए ने उसे हिरासत में लिया है।’’
रिजिजू ने कहा था कि युवक के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के करीब एक क्षेत्र से लापता होने के बाद भारतीय सेना ने तुरंत 19 जनवरी को चीन से सम्पर्क किया। उसके गलती से चीन के क्षेत्र में दाखिल होने या पीएलए के उसको हिरासत में लेने पर उसका पता लगाने तथा उसकी वापसी के लिए सहयोग मांगा।
मंत्री ने कहा कि चीन ने आश्वासन दिया था कि वे उसकी तलाश करेंगे और स्थापित नियमों के तहत उसे वापस सौंप देंगे।
भाषा निहारिका पवनेश
जोहेब उमा
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