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Saturday, 23 November, 2024
होमदेश'अहंकार और लापरवाही विवाद का मुख्य कारण'- चीन सरकार की सोच को दर्शाता ग्लोबल टाइम्स का संपादकीय

‘अहंकार और लापरवाही विवाद का मुख्य कारण’- चीन सरकार की सोच को दर्शाता ग्लोबल टाइम्स का संपादकीय

ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया कि अहंकार और लापरवाही भारत-चीन सीमा पर विवाद का मुख्य कारण है. हाल के वर्षों में नई दिल्ली ने सीमा मुद्दों पर कड़ा रुख अख्तियार किया है जो कि दो गलतफहमियों पर आधारित है.

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नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लद्दाख क्षेत्र में लगभग एक महीने से चल रहे सीमा विवाद पर चीन सरकार के अनौपचारिक मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर मौजूदा स्थिति के लिए भारत को जिम्मेवार ठहराया है.

15-16 जून को सीमा पर दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प में भारतीय सेना के 20 जवानों की मौत हुई है. लेकिन चीन ने अभी तक अपनी स्थिति की जानकारी नहीं दी है. सूत्रों की तरफ से खबर आ रही है कि चीन की तरफ भी हताहत हुए हैं. ऐसे में वहां की सरकार के मुखपत्र के जरिए भारत पर निशाना साधा गया है.

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारत सीमा क्षेत्र में बड़े स्तर पर निर्माण कार्य कर रहा है और जबरन चीन की सीमा में भी निर्माण कर रहा है. बावजूद इसके के सीमा विवाद पर द्विपक्षीय वार्ता हो रही है.

संपादकीय में लिखा गया है कि दोनों तरफ से कई बार हाथापाई हुई जिसमें चीनी सैनिकों ने भारतीय समकक्षों को रोकने की कोशिश की.

ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया कि अहंकार और लापरवाही भारत-चीन सीमा पर विवाद का मुख्य कारण है. हाल के वर्षों में नई दिल्ली ने सीमा मुद्दों पर कड़ा रुख अख्तियार किया है जो कि दो गलतफहमियों पर आधारित है. पहला यह कि अमेरिका के साथ बढ़ते सामरिक दबावों के कारण चीन रिश्तों में खटास नहीं चाहता है और दूसरा कुछ भारतीय लोग गलती से ये मान बैठे हैं कि उनके देश की सेना चीन से ज्यादा मजबूत है. ये गलतफहमियां भारतीय विचारों को प्रभावित कर रही है जिससे उनकी चीन नीति पर दबाव बढ़ा है.


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ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि भारत के कुछ अभिजात वर्ग के लोगों का ये मानना है कि अमेरिका ने इंडो-पैसिफिक रणनीति से भारत का परचम लहराया है. 2017 में भारतीय सेना ने डोकलाम में सीमा पार करके चीन की संप्रभुता को चुनौती दी जिसे वहां के लोगों ने खूब सराहा. इसका मतलब यह है कि भारत के इलीट लोगों की चीन के प्रति मानसिकता खतरनाक है.

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि चीन भारत के साथ उलझना नहीं चाहता और शांतिपूर्वक सीमा विवाद को निपटाना चाहता है. ये चीन की अच्छाई है न कि उसकी कमजोरी. चीन शांति के लिए कैसे अपनी संप्रभुता का बलिदान कर सकता है और नई दिल्ली से आने वाली मुश्किलों के सामने झुक सकता है?

संपादकीय में लिखा कि हम गलवान घाटी में तनाव को कम होते देखना चाहते हैं. यह आशा की जाती है कि दोनों सेनाओं के नेतृत्व के बीच आम सहमति का पालन किया जाए. यह दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद है और इसके लिए चीनी और भारतीय दोनों सैनिकों के प्रयासों की आवश्यकता है.

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा कि चीन-भारत सीमा मुद्दे पर चीन के लोग सरकार औप पीप्लस लिबरेशन आर्मी पर विश्वास रखते हैं. चीन के पास क्षमता है कि वो अपने हर एक इंच जमीन की सुरक्षा कर पाए.

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