नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की सफलता का ‘बहुत बड़ा श्रेय’ बच्चों को देते हुए सोमवार को उनसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को मजबूती देने के लिए ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान को आगे बढ़ाने का आग्रह किया.
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (पीएमआरबीपी) पुरस्कार विजेताओं के साथ संवाद के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘स्वच्छ भारत अभियान की सफलता का बहुत बड़ा श्रेय भी मैं भारत के बच्चों को देता हूं क्योंकि उन्होंने घर-घर में ‘बाल सैनिक’ बनकर अपने परिवार को स्वच्छता अभियान के लिए प्रेरित किया.’
उन्होंने कहा, ‘जैसे आप स्वच्छता अभियान के लिए आगे आए, वैसे ही आप वोकल फॉर लोकल अभियान के लिए भी आगे आइए.’
उन्होंने बच्चों को सुझाव दिया कि वह घर में उपयोग होने वाली वस्तुओं की एक सूची बनाएं और देखें कि उनमें से कितने ऐसे उत्पाद हैं, जो भारत में नहीं बने हैं और वह विदेशी हैं.
उन्होंने कहा, ‘इसके बाद घर के लोगों से आप आग्रह करें कि भविष्य में जब वैसा ही कोई उत्पाद खरीदा जाए तो वह भारत में बना हो.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 25 सालों में देश जिस ऊंचाई पर होगा और जो उसका सामर्थ्य बनेगा, उसमें बहुत बड़ी भूमिका युवा पीढ़ी की होगी.
उन्होंने कहा, ‘आज देश में जो नीतियां बन रहीं हैं और जो प्रयास हो रहे हैं, इन सब के केंद्र में युवा पीढ़ी है.’
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज उन्हें गर्व होता है जब वह देखते हैं दुनिया की बड़ी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) भारतीय हैं, स्टार्टअप की दुनिया में भारत परचम फहरा रहा है, जब नए-नए इनोवेशन हो रहे हैं और देश के युवा गगनयान मिशन के लिए तैयार कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘यही वह नया भारत है. हिम्मत और हौंसला आज भारत की पहचान है. आज भारत अपनी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के भविष्य की नींव को मजबूत करने के लिए निरंतर कदम उठा रहा है.’
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने ‘ब्लॉकचैन प्रौद्योगिकी’ के उपयोग के जरिए वर्ष 2022 और 2021 के पीएमआरबीपी पुरस्कार विजेताओं को डिजिटल प्रमाणपत्र भी प्रदान किए. पुरस्कार विजेताओं को प्रमाण पत्र देने के लिए पहली बार इस तकनीक का उपयोग किया गया.
बता दें कि भारत सरकार नवाचार, सामाजिक सेवा, शैक्षिक योग्यता, खेल, कला और संस्कृति और बहादुरी जैसी छह श्रेणियों में बच्चों को उनकी असाधारण उपलब्धि के लिए पीएमआरबीपी पुरस्कार प्रदान करती है.
इस साल, बाल शक्ति पुरस्कार की विभिन्न श्रेणियों के तहत देश भर से 29 बच्चों को पीएमआरबीपी-2022 के लिए चुना गया है। पुरस्कार विजेता हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भी भाग लेते हैं. पीएमआरबीपी के प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिए जाते हैं.
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