देहरादून, चार नवंबर (भाषा) उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने की पृष्ठभूमि में उसकी प्रशंसा करते हुए मंगलवार को कहा कि संगठन ने सांस्कृतिक पुनरुत्थान, सामाजिक समरसता में योगदान दिया है।
उत्तराखंड स्थापना की रजत जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित विधानसभा के विशेष सत्र में मुख्यमंत्री ने कहा, “यह वर्ष संघ की स्थापना का शताब्दी वर्ष है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी सौ वर्षों की तपोमय यात्रा के माध्यम से भारत में सांस्कृतिक पुनरुत्थान, सामाजिक समरसता, आत्मगौरव और राष्ट्रनिष्ठ सेवा की ऐसी दिव्य धारा प्रवाहित की है, जिसने देश के कोने-कोने में राष्ट्रीय चेतना की अखंड ज्योति प्रज्वलित की है।”
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जो भारत कभी गुलामी की मानसिकता से ग्रस्त था, आज वही अपने सांस्कृतिक मूल्यों, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और परंपराओं पर गर्व करता है-यह आत्मगौरव संघ की तपस्या और कार्यशैली का ही परिणाम है।”
धामी ने अपने वक्तव्य का समापन संघ की शाखा में गाए जाने वाले गीत की पंक्तियों के साथ किया- “ये उथल-पुथल उत्ताल लहर, पथ से न डिगाने पाएगी,
पतवार चलाते जाएंगे, मंजिल आएगी, आएगी…”
भाषा दीप्ति खारी
खारी
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