देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें 28 जनवरी से 14 फरवरी तक राज्य में होने वाले राष्ट्रीय खेलों के लिए आमंत्रित किया.
उत्तराखंड पहली बार राष्ट्रीय खेलों की मेज़बानी कर रहा है.
यहां जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, धामी ने राष्ट्रीय राजधानी में मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री को चमोली जिले के मलारी के कारीगरों द्वारा तैयार एक शॉल और नारायण आश्रम की एक प्रतिकृति भी भेंट की.
बयान के मुताबिक, मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री मोदी को राज्य में किए जा रहे विकास कार्यों की जानकारी दी तथा निरंतर मार्गदर्शन एवं सहयोग के लिए उन्हें धन्यवाद दिया.
नई दिल्ली में भेंट के दौरान आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी को उत्तराखंड में आयोजित होने वाले 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर यशस्वी प्रधानमंत्री जी को राज्य में संचालित विभिन्न विकास कार्यों के बारे में जानकारी देते हुए टनकपुर-बागेश्वर रेल… pic.twitter.com/Kb5jkdBWDU
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) January 6, 2025
धामी ने मोदी से मुलाकात के दौरान बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के पहले चरण पर तेज़ी से काम चल रहा है. टनकपुर-बागेश्वर रेल परियोजना का सर्वेक्षण कार्य भी पूरा हो चुका है.
धामी ने मोदी से यह भी आग्रह किया कि टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन परियोजना को मंज़ूरी दी जाए और इसकी पूरी लागत केंद्र द्वारा वहन की जाए.
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि ऋषिकेश के पुराने रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया जाना चाहिए और सभी रेलगाड़ियों का संचालन शहर के नए योग नगरी रेलवे स्टेशन से किया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि पुराने स्टेशन की ज़मीन का इस्तेमाल नई सड़क व्यवस्था के लिए किया जा सकता है, जिससे यातायात में सुधार होगा.
उत्तराखंड में जल जीवन मिशन की प्रगति की जानकारी देते हुए धामी ने प्रधानमंत्री से अनुरोध किया कि वे मिशन के लिए आवंटित केंद्रीय अंशदान की शेष राशि शीघ्र जारी करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दें.
मुख्यमंत्री ने रिवर राफ्टिंग के लिए प्रतिष्ठित शहर के रूप में ऋषिकेश को चयनित करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया तथा राज्य के सीमित संसाधनों को देखते हुए हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर एवं शारदा कॉरिडोर परियोजना के लिए केंद्र से संसाधन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया.
उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य में भूतापीय ऊर्जा के दोहन के लिए आइसलैंड के दूतावास के साथ मिलकर एक समझौता ज्ञापन प्रस्तावित है. समझौता ज्ञापन पर भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा विदेश मंत्रालय से अनापत्ति पत्र (एनओसी) मिल गया है.
धामी ने परियोजना के लिए सभी तकनीकी और वित्तीय सहायता मांगी ताकि उत्तराखंड वर्ष 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सके.
मुख्यमंत्री ने ऋषिकेश बाईपास, हरिद्वार बाईपास (पैकेज 2), देहरादून-मसूरी संपर्क, देहरादून रिंग रोड, चंपावत बाईपास, लालकुआं, हल्द्वानी और काठगोदाम बाईपास और मानसखंड परियोजना सहित सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजे गए प्रस्तावों की मंजूरी देने का अनुरोध किया.
यह भी पढ़ें: अयोध्या में 11 जनवरी को 11 बजे रामलला का अभिषेक करेंगे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ