भुवनेश्वर, 11 अप्रैल (भाषा) ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शुक्रवार को राज्य के लोगों को ‘छेना पोड़ा दिवस’ के अवसर पर बधाई दी।
छेना पोडा एक मिठाई है जिसे पनीर (छेना), चीनी, इलाइची और काजू से बनाया जाता है।
राज्य में 2022 से 11 अप्रैल को ‘छेना पोड़ा दिवस’ मनाया जा रहा है। 11 अप्रैल को सुदर्शन साहू की जयंती है, जिन्हें इस मशहूर मिठाई की खोज करने का श्रेय दिया जाता है।
माझी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लोगों का अभिवादन करते हुए कहा, ‘‘हम सभी छेना पोड़ा के शौकीन हैं। आज ‘छेना पोड़ा दिवस’ पर सभी को बधाई और शुभकामनाएं। आइए ओडिशा के इस अनोखे स्वाद को दुनिया तक पहुंचाएं।’’
छेना पोड़ा की खोज 1945 में नयागढ़ जिले के एक कस्बे दासपल्ला में हुई थी, जहां सुदर्शन साहू मिठाई की दुकान चलाते थे। बचे हुए पनीर का उपयोग करने के प्रयास में साहू ने इसे चीनी, इलायची और काजू के साथ मिलाया, इसे केक का आकार दिया और इसे रात भर कोयले की भट्ठी में रखा। अगली सुबह, उन्हें अनोखी मिठाई मिली, जो ओडिशा की सबसे पसंदीदा मिठाइयों में से एक बन गई।
साहू परिवार के एक सदस्य ने कहा, ‘‘‘छेना’ और ‘पोड़ा’ (बेक्ड) शब्द संयोग से आए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सुदर्शन ने उसी प्रक्रिया का उपयोग करके इसे बनाना जारी रखा और लोगों को इसका अनोखा स्वाद पसंद आया। इस तरह छेना पोड़ा प्रसिद्ध हो गया।’’
हालांकि, सुदर्शन साहू ने अपने पिता विद्याधर साहू को इस मिठाई के आविष्कार का श्रेय देते हुए कहा था कि उन्होंने इसे बनाने में अपने पिता की सहायता की थी।
भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भी एक बार छेना पोड़ा के स्वाद की सराहना की थी।
विद्याधर साहू की सही जन्म तिथि अज्ञात होने के कारण, स्थानीय लोगों ने सुदर्शन साहू के जन्मदिन (11 अप्रैल, 1931) को ‘छेना पोड़ा दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला किया। हालांकि, दासपल्ला के कुछ निवासी विद्याधर साहू की पुण्यतिथि 31 दिसंबर को उनके सम्मान में भी इस दिन को मनाते हैं।
भाषा
सुरभि अविनाश
अविनाश
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