नयी दिल्ली, 27 नवंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ और कर्नाटक को बृहस्पतिवार को पहली बार आईएमडी के डॉप्लर मौसम रडार प्राप्त हुए जिससे मिशन मौसम के तहत भारत के गंभीर मौसम निगरानी नेटवर्क का विस्तार हुआ।
रायपुर और मंगलुरु में स्थापित नए रडार मध्य और तटीय क्षेत्रों में भारी वर्षा, आंधी, बिजली कड़कने, ओलावृष्टि, तूफान, और मौसम की अन्य गंभीर प्रणालियों की उन्नत ट्रैकिंग प्रदान करेंगे।
रायपुर में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में दोहरी ध्रुवीकृत सी-बैंड रडार छत्तीसगढ़ में आईएमडी का पहला रडार है।
इसका कवरेज क्षेत्र 250 किलोमीटर तक है और यह छत्तीसगढ़, आंतरिक ओडिशा, पूर्वी मध्य प्रदेश, दक्षिण-पश्चिम झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के दक्षिणी भागों में मानसून संबंधी दबाव क्षेत्र, निम्न दबाव प्रणालियों और मौसम की तीव्र घटनाओं की निगरानी करेगा, जिससे लंबे समय से चली आ रही डेटा की कमी को पूरा किया जा सकेगा।
मंगलुरु के शक्ति नगर स्थित आईएमडी के आरएस/आरडब्ल्यू कार्यालय में स्थापित रडार कर्नाटक में आईएमडी का पहला रडार है।
इसकी भी कवरेज क्षेत्र 250 किलोमीटर तक है और यह कर्नाटक से सटे अरब सागर और कर्नाटक, केरल, गोवा, दक्षिण कोंकण, उत्तरी लक्षद्वीप और दक्षिण महाराष्ट्र के भूमि क्षेत्रों में गंभीर मौसम पर नज़र रखेगा।
दोनों प्रणालियों को मेक इन इंडिया पहल के तहत स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है।
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) मुख्यालय में दो रडारों के साथ-साथ 771 किलोवाट क्षमता की सौर ऊर्जा प्रणाली और छात्रों तथा युवा शिक्षार्थियों के लिए डिजाइन किए गए एक नए मौसम विज्ञान संग्रहालय का उद्घाटन किया।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने अवलोकन, मॉडलिंग, पूर्वानुमान और शिक्षण प्रणालियों को मजबूत करने के लिए विभाग की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
भाषा नोमान संतोष
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