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Monday, 7 October, 2024
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छत्तीसगढ़ सरकार डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ को विशेषज्ञों से दिलवाएगी ऑनलाइन ट्रेनिंग

मेडिकल कॉलेजों के हॉस्पिटल तथा जिला चिकित्सालयों में पदस्थ विशेषज्ञ चिकित्सकों 6 से 8 अप्रैल को हेल्थ ट्रेनिंग एशिया, फोर्टिस गुड़गांव के विशेषज्ञों द्वारा ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा.

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रायपुर: आने वाले दिनों में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंकाओं के बीच छत्तीसगढ़ सरकार ने अपने चिकित्सकों, मेडिकल स्टाफ और अन्य विशेषज्ञों को तीन दिन की ऑनलाइन प्रशिक्षण दिलाने जा रही है. सरकार का यह फैसला शनिवार को कोविड कमांड सेंटर में आयोजित राज्य स्तरीय कोर कमेटी की बैठक में लिया गया. कोर कमेटी की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों के हॉस्पिटल तथा जिला चिकित्सालयों में पदस्थ विशेषज्ञ चिकित्सकों यह प्रशिक्षण 6 से 8 अप्रैल को हेल्थ ट्रेनिंग एशिया, फोर्टिस गुड़गांव के विशेषज्ञों द्वारा ऑनलाइन दिया जाएगा.

बैठक में निर्देश देते हुए राज्य स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक सिंह ने कोविड-19 प्रशिक्षण के लिए सभी चिकित्सा महाविद्यालयों के अधिष्ठाता, सीएमएचओ, अस्पताल अधीक्षक एवं सिविल सर्जन को हॉस्पिटल में पदस्थ विभागीय विशेषज्ञ चिकित्सकों को रहना अनिवार्य होगा. जिन विभागों के विशेषज्ञों के लिए कोरोना प्रशिक्षण अनिवार्य किया गया है उनमें एनेस्थीसिया, मेडिसिन विशेषज्ञ, सर्जन तथा ईएनटी सर्जन शामिल है. इन सभी विशेषज्ञों को सचिव ने अनिवार्य रूप से ऑनलाईन ट्रेनिंग में उपस्थिति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है.

प्रशिक्षण के दौरान तीनों संस्थानों से विशेषज्ञ छत्तीसगढ़ के प्रशिक्षु विशेषज्ञों को कोविड-19 संक्रमण से संबंधित आईसीयू, क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट, वेटिंलेटर हैण्डलिंग की जानकारी देने के साथ ही प्रतिभागी विशेषज्ञ चिकित्सकों के प्रश्नों का समाधान भी करेंगे.


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यह प्रशिक्षण निर्धारित तिथियों में प्रतिदिन सुबह 11 बजे से संध्या 4 बजे तक आयोजित होगा. सरकार ने ट्रेनिंग से संबंधित ऑनलाईन प्रशिक्षण हेतु समुचित दिशा निर्देश एवं लिंक जारी कर दिया है. स्वास्थ्य सचिव ने राज्य के संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों के अधिकारियों को प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के साथ ही प्रशिक्षण में भाग लेने वाले चिकित्सकों की उपस्थित की जानकारी जल्द सरकार को भिजवाने के आदेश देते हुए कहा है ट्रेनिंग का निर्णय कोरोना संकट को देखते हुए लिया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को आवश्यकता अनुसार त्वरित कार्यवाही के साथ-साथ पूरी दक्षता से मरीजों को लाभ पहुंचाने की दिशा में तत्पर रखना है.

राज्य में होम क्वॉरेंटाईन की संख्या 70 हजार पार

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य में कोरोनावायरस (कोविड-19) के संक्रमण की रोकथाम तथा समुदाय स्तर इसे संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से होम क्वॉरेंटाईन में रखे गए लोगों से नियम का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने की अपील की है.

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि बीते 28 दिनों में अंतर्राष्ट्रीय एवं अंतर्राज्यीय यात्रा से छत्तीसगढ़ आए लोगों को एहतियात के तौर पर होम क्वॉरेंटाईन में रखे जाने का आदेश दिया गया है तथा उनके घर के सामने दरवाजों पर स्टीकर भी लगाये गए है. होम क्वॉरेंटाईन में रखने तथा स्टीकर लगाने का उद्देश्य इस महामारी से बचने के लिए लोगों को जागरूक करना तथा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराना है.

सिंह ने यह भी कहा, ‘होम क्वॉरेंटाईन में रखे गए कई लोग अपने घरों के सामने लगाए स्टीकर को हटा रहे है जो ठीक नहीं है. होम क्वॉरेंटाईन में रखे गए लोगों की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने घर परिवार के लोगों, चिरपरिचितों, मित्रों तथा मोहल्ले के लोगों को इस महामारी से बचाने के लिए दूरी बनाए रखे, घर से बाहर न निकले.’

स्वास्थ्य सचिव ने पुलिस महानिदेशक को भी एक पत्र लिखकर क्वॉरेंटाईन में रखे गए लोगों को क्वॉरेंटाईन नियम का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने हेतु संबंधित थाना प्रभारियों को निर्देशित करने का आग्रह किया है.

प्रदेश की राशन दुकानों में दो महीने अनाज पैक

कोरोनावायरस के गहराते संकट के बीच राज्य के सभी उचित मूल्य की दुकानों में चावल भण्डारण का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया गया है. खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि 3 अप्रैल तक राज्य के 7 हजार 889 उचित मूल्य के दुकानों में दो माह का चावल का भण्डारण कर लिया गया है . इसी प्रकार 11 हजार 678 दुकानों में एक माह का चावल का भण्डारण किया गया है . प्रदेश के 9 हजार 455 राशन दुकानों में खाद्यान्न वितरण शुरू हो गया है और 3 मार्च तक 19.55 लाख राशनकार्डधारी हितग्राही लाभन्वित हुए हैं .

गौरतलब है कि प्रदेश में 65 लाख 39 हजार 184 राशनकार्डधारी हितग्राही हैं . इनमें अंन्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित, अन्नपूर्णा एवं निःशक्तजनों के 56 लाख 56 हजार 346 एवं सामान्य ए.पी.एल. के 8 लाख 82 हजार 838 राशन कार्ड धारी हितग्राही शामिल हैं.

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