जगदलपुर, 22 मई (भाषा) छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बुधवार को राज्य सरकार की नई पुनर्वास नीति का मसौदा तैयार करने के लिए माओवादियों से सुझाव मांगा।
गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे शर्मा ने नक्सलियों से आत्मसमर्पण की अपील करते हुए उनसे पूछा, ‘वे स्वयं बताएं कि उनकी पुनर्वास नीति क्या होनी चाहिए।”
शर्मा ने बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर में संवाददाताओं से कहा, ”मैं हमेशा कहता हूं कि वार्ता के सारे रास्ते खुले हैं और इसके लिए भाजपा सरकार नियद नेल्लानार (आपका अच्छा गांव) नामक योजना लायी है तथा वह गांवों में सड़क, स्वास्थ्य, पानी की सुविधा प्रारम्भ कर समानता और विकास का एक वातावरण तैयार कर रही है। यह बात भटके हुए युवा समझ रहे हैं, इसलिए हम उन्हीं से पूछ रहे हैं कि उनके पुनर्वास की नीति क्या होनी चाहिए ताकि वे मुख्यधारा में जुड़कर प्रदेश और देश की विकास में भागीदारी कर सके।”
उन्होंने कहा, ”आप और समाज नक्सलवाद की इस समस्या के हल के लिए समर्थ हैं। सरकार स्वयं मानती है कि अभियान मुख्य विषय नहीं है और यह तो सरकार के प्रयास का बहुत छोटा सा हिस्सा है। सरकार का मुख्य प्रयास प्रभावित क्षेत्रों तथा आदिवासी क्षेत्रों में सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास के कार्य करना है। साथ ही साथ जो युवा नक्सली विचारधारा छोड़कर आए हैं, सरकार उनके लिए कार्य कर रही है। वह उनके सर्वांगीण विकास की योजना आगे बढ़ा रही है।”
शर्मा ने नक्सली नेताओं से पूछा है कि चीन जैसे देशों में भी माओवाद है लेकिन वहां सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता शून्य है, क्या वे ऐसा राज्य चाहते हैं।
उन्होंने कहा, ”छत्तीसगढ़ की पुनर्वास नीति बहुत ही अच्छी है तथा उसे बेहतर बनाने के लिए वह किसी भी राज्य में जाकर अध्ययन करने को तैयार हैं। लेकिन मुख्य विषय यह है कि न अधिकारियों को समर्पण करना है, न पत्रकारों को, न शासन में बैठे लोगों को और न आमजनों को। समर्पण माओवादियों को करना है और यह पहल उन्हीं के लिए है । वे स्वयं बताएं कि उनके पुनर्वास की नीति क्या होनी चाहिए।”
गृह मंत्री ने इस अवसर पर राज्य में नई पुनर्वास नीति पर सुझाव लेने के लिए एक ई-मेल आईडी और गूगल फॉर्म भी जारी किया।
भाषा सं संजीव राजकुमार
राजकुमार
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