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मंगलवार, 20 मई, 2025
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सज्जन व्यक्ति के भेष में एक क्रूर व्यक्ति है चार्ल्स शोभराज: पूर्व अधिकारी

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(अंजलि पिल्ले)

नयी दिल्ली, 22 दिसंबर (भाषा) ‘बिकनी किलर’ के तौर पर कुख्यात चार्ल्स शोभराज 1986 में तिहाड़ जेल से फरार हो गया था। उसने अपना जन्मदिन मनाने के बहाने से कारागार कर्मियों को नशीला पदार्थ मिली मिठाई खिला दी थी और वहां से फरार हो गया था।

नेपाल की सर्वोच्च अदालत ने बुधवार को ‘बिकनी किलर’ और ‘द सर्पेंट’ के नाम से कुख्यात फ्रांसीसी ‘सीरियल किलर’ चार्ल्स शोभराज को उसकी सेहत के आधार पर रिहा करने का आदेश दिया। इसके बाद से ही शोभराज फिर से सुर्खियों में आ गया है। भारतीय और वियतनामी माता-पिता की संतान शोभराज हत्या के जुर्म में 2003 से उम्रकैद की सजा काट रहा है।

शोभराज से बातचीत करने वाले अधिकारी बताते हैं कि वह सज्जन व्यक्ति के भेष में एक क्रूर व्यक्ति है और अपने व्यक्तित्व से महिलाओं को रिझाता था।

तिहाड़ जेल के पूर्व विधि अधिकारी सुनील गुप्ता ने बताया कि शोभराज एक ऐसा व्यक्ति है जो जेल में महिला वकीलों या अन्य महिलाओं से मिलने से पहले अच्छी तरह से तैयार होता था, अच्छे कपड़े पहनता था और परफ्यूम आदि लगाता था ताकि वह उन्हें प्रभावित कर सके, लेकिन जब पुरुष वकीलों और अन्य से मिलना होता था तो वह अपने हुलिए पर ध्यान नहीं देता था।

गुप्ता ने पीटीआई-भाषा से कहा, “ शोभराज को ‘बिकनी किलर’ के तौर पर जाना जाता था और उसका महिलाओं के प्रति स्वाभाविक झुकाव था।”

उन्होंने कहा कि उन दिनों जेल में मिलने आने वाले लोगों की संख्या पर कोई पाबंदी नहीं थी और सभी तरह के लोग जेल आकर उससे मिल सकते थे।

शोभराज को 1976 में तिहाड़ जेल लाया गया था और वह 1996 तक यहां रहा और फिर उसे फ्रांस प्रत्यर्पित कर दिया गया था। उसने मार्च 1986 में तिहाड़ से भागने की साजिश रची लेकिन उसे दिल्ली पुलिस ने 22 दिन बाद ही गिरफ्तार कर लिया।

तिहाड़ से भागने के समय वह केंद्रीय जेल संख्या तीन में था। उसने कारागार से भागने की साज़िश अपने दोस्त डेविड रिचर्ड हॉल के साथ मिलकर रची। शोभराज की साज़िश की वजह से उस दिन तिहाड़ से कई अन्य कैदी भी भागे थे।

गुप्ता ने बताया कि शोभराज ने जेल कर्मियों को बताया कि वह जन्मदिन मना रहा है। उनके मुताबिक, उन दिनों जेल में खाना पकाने की इजाज़त होती थी, इसलिए उसने जेल में अपने जन्मदिन के लिए मिठाई बनाई।

गुप्ता ने बताया, “ अपने दोस्त डेविड हॉल की मदद से उसने ‘लारपोस’ नामक नशीला पदार्थ हासिल किया और उसे बर्फी में मिला दिया। फिर यह बर्फी उसने जेल कर्मियों में वितरित की, खासकर, प्रवेश द्वार पर पहरा देने वालों कर्मियों को। साथ में उसने 50-50 रुपये भी दिए।”

इसके बाद वह द्वारपाल के दफ्तर गया जो वहां बेहोश पड़े थे और उनकी कमर से चाबी निकाली और फिर दरवाज़ा खोल कर कुछ अन्य कैदियों के साथ जेल से भाग गया।

एक कर्मी पूरी तरह से बेहोश नहीं हुआ और वह ऑटोरिक्शा लेकर जेल उपाधीक्षक के घर गया और उसे जल्दी से जेल आने को कहा।

गुप्ता ने कहा कि फिर से गिरफ्तार किए जाने के बाद जब उसे वापस जेल लाया गया तो उसने दावा किया कि वह जेल से भागा नहीं था, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों ने उसे अगवा कर लिया था और वह उससे कोई जानकारी चाहते थे।

उस वक्त दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा में उपायुक्त (डीसीपी) अमोद कंठ को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया था। सेवानिवृत्त हो चुके कंठ अब प्रयास एनजीओ के संस्थापक हैं। उन्होंने कहा कि उसके जेल से भागने पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हंगामा मच गया था।

कंठ ने कहा कि वह शोभराज के साथ काफी गहराई से जुड़े थे। उन्होंने उसके बारे में कहा कि न वह ‘मनोरोगी’ था और न उसे सुर्खियों में आने का शौक था।

पूर्व पुलिस अधिकारी के मुताबिक, ‘‘ वह धूर्त था, लोगों का विश्वास जीत कर उन्हें धोखा देने वाला शख्स था।’’ उन्होंने कहा कि वह उन्हीं लोगों को निशाना बनाता था जो उसके करीब होते थे।

कंठ ने कहा, “ यह उसके अपराध करने का तरीका था। वह पीड़ित के बहुत करीब हो जाता था और दुर्भाग्य से महिलाएं उसके जाल में फंस जाती थी। वह उन्हें नशीला पदार्थ देता था, उन्हें बेहोश कर देता था और फिर उनके साथ लूटपाट करता था और कई बार उनकी हत्या भी कर देता था।”

तिहाड़ से भागने के बाद वह मुंबई गया। हॉल ब्रिटेन का नागरिक था जिसे मादक पदार्थ से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह शोभराज का ऋणी था क्योंकि उसने हॉल को झूठे चिकित्सा कागजात के आधार पर रिहा कराया था। एक मशहूर व्यवसायी राजेंद्र सेठी भी शोभराज से अच्छी तरह से जुड़े हुए थे क्योंकि वह भी ब्रिटेन में अपने मामले में फंसे थे और शोभराज की मदद चाहते थे।”

जांच के दौरान, कंठ ने पाया कि 16 मार्च 1986 को शोभराज ने एक शानदार दावत दी और नाटक किया कि उसका जन्मदिन है जबकि उसका जन्मदिन छह अप्रैल को आता है।

उन्होंने कहा, ‘हॉल ने लारपोज की हजारों गोलियां हासिल कीं और उन्हें कस्टर्ड और बर्फी में मिलाया तथा ये मिठाई दोपहर में जेल कर्मचारियों को परोसी। यह घटना दोपहर के करीब तीन-साढ़े तीन बजे की थी।’

शोभराज की गिरफ्तारी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें जानकारी मिली थी कि वह मुंबई में है जहां वह चर्चगेट के सामने एक होटल रुका हुआ है।

उन्होंने कहा, “हम मुंबई पुलिस से संपर्क करने में कामयाब रहे और हमारी जानकारी के आधार पर, मुंबई पुलिस और दिल्ली पुलिस की हमारी टीम को गोवा भेजा गया, जहां से उसे एक रेस्तरां से पकड़ लिया गया। उस पर मुकदमा चलाया गया और मामले में उसे दोषी ठहराया गया।’

भाषा नोमान अमित

अमित

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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