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Wednesday, 25 December, 2024
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केंद्र का आदेश बरकरार रखने के खिलाफ चैनल ‘मीडिया वन’ ने उच्च न्यायालय में अपील दायर की

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कोच्चि, नौ फरवरी (भाषा) चैनल ‘मीडिया वन’ का संचालन करने वाली कंपनी माध्यमम ब्रॉडकास्टिंग लिमिटेड, इसके कुछ कर्मचारियों और एक पत्रकार संगठन ने मलयालम न्यूज चैनल के प्रसारण पर रोक लगाने का केंद्र का फैसला बरकरार रखने वाले एकल न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ केरल उच्च न्यायालय में अलग-अलग अपील दायर कीं।

मुख्य न्यायाधीश एस मणिकुमार और न्यायमूर्ति शाजी पी चाली की पीठ के समक्ष सुबह तीन अपील दायर किए जाने का उल्लेख किया गया। पीठ ने कहा कि वह बृहस्पतिवार को मामले की सुनवाई करेगी।

चैनल के संपादक, उसके कुछ कर्मचारियों और केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (केयूडब्ल्यूजे) का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता जाजू बाबू ने अपील दायर करने की पुष्टि की और कहा कि इस मुद्दे पर बृहस्पतिवार को पीठ सुनवाई करेगी।

चैनल के संपादक प्रमोद रमण और अन्य कर्मचारियों के साथ-साथ यूनियन द्वारा दायर की गई अपील में कहा गया है कि केंद्र ने मीडिया वन के प्रसारण को रोकने का ‘‘अचानक’’ और कंपनी या उसके कर्मचारियों को सुने बिना आदेश जारी किया और इसलिए, 320 से अधिक पत्रकार और गैर पत्रकार रोजगार से वंचित हो गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र के फैसले को बरकरार रखने वाले एकल न्यायाधीश का आठ फरवरी का आदेश ‘‘अवैध और टिकने योग्य नहीं हैं।’’

एकल न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा था कि गृह मंत्रालय द्वारा ‘मीडिया वन’ को सुरक्षा मंजूरी से इनकार करना ‘‘उचित’’ था। कंपनी के कर्मचारियों और केयूडब्ल्यूजे ने अपनी-अपनी अपील में आरोप लगाया कि एकल न्यायाधीश ने इस आदेश में ‘गलती’ की कि अनुमति के नवीनीकरण के लिए भी सुरक्षा मंजूरी अनिवार्य है। उन्होंने एकल न्यायाधीश का आठ फरवरी का फैसला रद्द करने का अनुरोध किया है।

यह पहली बार नहीं है जब चैनल को अपने संचालन पर इस तरह की पाबंदी का सामना करना पड़ा हो। ‘मीडिया वन’ के साथ एक अन्य मलयालम समाचार चैनल ‘एशियानेट’ के प्रसारण पर 2020 में दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा के उनके कवरेज के लिए 48 घंटे की रोक लगा दी गई थी।

भाषा आशीष अनूप

अनूप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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