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Tuesday, 5 November, 2024
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Chandrayaan-3 Launch पर बोले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह – भारत के लिए गौरव का क्षण है

इसरो प्रमुख एस सोमनाथ का कहना है कि अगर सब कुछ सामान्य रहा तो 23 अगस्त को शाम करीब 5.47 बजे चंद्रमा पर उतरने की उम्मीद है.

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नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से #Chandrayaan3 चंद्रमा मिशन लॉन्च किया गया.

चंद्रयान-3 एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैस है. इसका वजन करीब 3,900 किलोग्राम है. श्रीहरिकोटा से ठीक 2.35 मिनट पर लॉन्च किया गया.

चंद्रयान-3 करीब 40 दिनों बाद अगस्त के अंतिम हफ्ते में चंद्रमा की ऑर्बिट में पहुंच जाएगा.


LIVE UPDATE:


 

5.20 PM:  नेहरू तारामंडल की प्रोग्रामिंग मैनेजर, प्रेरणा चंद्रा कहती हैं, “इसरो के साथ-साथ, सभी भारतीय नागरिक #Chandrayaan3 मिशन को लेकर उत्साहित थे…चंद्रयान-2 की लैंडिंग सुचारू नहीं होने के कारण डर की भावना थी। लेकिन, हमने देखा कि हमने रॉकेट के सभी चरणों को सफलतापूर्वक पार कर लिया और अब, हम अंतरिक्ष में हैं… मिशन हमें बाहरी अंतरिक्ष में अन्य एक्सोप्लैनेट की खोज में मदद करेगा जो जीवन को बनाए रख सकते हैं.”

4.20 PM: इसरो प्रमुख एस सोमनाथ का कहना है कि अगर सब कुछ सामान्य रहा तो 23 अगस्त को शाम करीब 5.47 बजे चंद्रमा पर उतरने की उम्मीद है.

4.15PM: Chandrayaan3 की कक्षा में सफल लॉन्चिंग के बाद, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, “…यह हमारे लिए गौरव का क्षण है, भारत के लिए गौरव का क्षण है और हम सभी के लिए भाग्य का क्षण है…मुझे इसके लिए टीम इसरो को धन्यवाद देना चाहिए भारत को गर्व है. मैं श्रीहरिकोटा के दरवाजे खोलकर और भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र को सक्षम करके इसे संभव बनाने के लिए पीएम मोदी को भी धन्यवाद देता हूं…”

4.10PM: चंद्रयान-3 मिशन निदेशक रितु करिधाल के परिवार ने जश्न मनाया और मिठाइयां बांटीं क्योंकि इसरो के एलवीएम3 एम4 वाहन ने इसे कक्षा में सफलतापूर्वक लॉन्च किया.

मिशन निदेशक रितु करिधाल के भाई रोहित करिधाल ने कहा, “यह एक खुशी का पल है, हम सभी बहुत खुश हैं…इसरो की टीम को हमारी शुभकामनाएं. हमें उम्मीद है कि मिशन सफल होगा…मुझे अपनी बहन पर बहुत गर्व है…”


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3.52PM: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसरो टीम और #Chandrayaan3 मिशन के पीछे के सभी लोगों को बधाई देते हुए कहा, “भारत ने अंतरिक्ष में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित करते हुए चंद्रयान -3 को सफलतापूर्वक लॉन्च किया… यह अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति के लिए देश की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है. चंद्र मिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं.”

3.42PM: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, भारत ने आज चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के साथ अपनी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा शुरू की. इसरो के वैज्ञानिकों को मेरी हार्दिक बधाई, उनकी अथक खोज ने आज भारत को पीढ़ियों के लिए एक उल्लेखनीय अंतरिक्ष यात्रा की पटकथा लिखने की राह पर आगे बढ़ाया है.

3.40PM:आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में पहुंचे स्कूली बच्चों ने #Chandrayaan3 की कक्षा में सफल लॉन्चिंग के बाद अपनी खुशी व्यक्त की.

एक छात्र करण तिवारी चंद्रयान 3 देखने के बाद काफी उत्साहित थे, उन्होंने कहा, “मुझे बहुत गर्व है कि हमारे वैज्ञानिक और देश इतना अच्छा कर रहे हैं. यह जीवन में एक बार होने वाला अनुभव था और मुझे ऐसा दोबारा कभी देखने को नहीं मिलेगा.”

एक अन्य छात्र स्नेहल कहते हैं, “मुझे अपने देश पर बहुत गर्व है. मैं बहुत खुश और उत्साहित हूं.”

3.30PM: चंद्रयान-3 मिशन पर पूर्व इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायणन ने भी इसरो को बधाई देते हुए कहा, “मैं इसरो टीम को बधाई देता हूं..आशा करते हैं कि हमारे सामने एक बहुत ही सफल मिशन होगा.”

3.10PM:पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर वैज्ञानिकों को बधाई देते हुए लिखा, “चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा. यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भर रहा है. यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है. मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हू!

3.08PM: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने ट्वीट कर चंद्रयान 3 के सफल प्रक्षेपण पर ISRO को बधाई दी.

3.02PM: परियोजना निदेशक पी वीरमुथुवेल और इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने LVM3 M4 वाहन को सफलतापूर्वक कक्षा में लॉन्च करने के बाद अपनी खुशी साझा की.

इसरो का कहना है, “चंद्रयान-3 ने अपनी सटीक कक्षा में चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा शुरू कर दी है. अंतरिक्ष यान अभी सही और सामान्य है.”

2.59 PM:: असम के मुख्यमंत्री सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने इसरो की टीम को बधाई देते हुए कहा, “क्या असाधारण उपलब्धि है! चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण के लिए इसरो और प्रतिभाशाली वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई! अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए भारत की प्रतिबद्धता वास्तव में प्रेरणादायक है और यह मिशन निस्संदेह नई खोजों और प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा.”

2.56 PM: Chandrayaan3 के कक्षा में सफल प्रक्षेपण के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में जश्न मनाया गया.

2.48 PM: इसरो टीम श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में चंद्रमा मिशन चंद्रयान 3 की प्रगति की निगरानी कर रहा है.

चंद्रमा की ऑर्बिट में 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचकर लैंडर और रोवर को ले जाने वाला प्रोपल्शन मॉड्यूल अलग हो जाएगा और चंद्रमा के चारों तरफ चक्कर लगाने लगेगा, जबकि लैंडर धीरे-धीरे चंद्रमा की सतह पर जाने के लिए तैयार हो जाएगा.

इसरो का चांद पर यान को ‘‘सॉफ्ट लैंडिंग’’ कराने यानी सुरक्षित तरीके से यान उतारने का यह मिशन अगर सफल हो जाता है तो भारत उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जो ऐसा कर पाने में सक्षम हुए हैं.

इसरो की वेबसाइट के मुताबिक प्रोपल्शन मॉड्यूल का द्रव्यमान करीब 2148 किलो, लैंडर का द्रव्यमान 1752 किलो और रोवर का द्रव्यमान 26 किलोग्राम होगा.

इसरो ने चंद्रयान-2 की असफलता को देखते हुए इस बार इसरो ने चंद्रयान-3 कुछ तकनीकी सुधार किए हैं. जिससे इस बार चंद्रयान-3 के चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करने की काफी संभावना है.

पीएम मोदी ने भी इस मौके पर बधाई देते हुए ट्वीट किया. उन्होंने कहा, ‘जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, 14 जुलाई 2023 हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा. चंद्रयान-3, हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा पर निकलेगा. यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा.’

इस मौके पर अक्षय कुमार, हरदीप पुरी सहित तमाम हस्तियों ने चंद्रयान-3 के सफल होने के लिए प्रार्थना की.

 

इसरो ने श्रीहरिकोटा में दर्शक दीर्घा से बहुप्रतीक्षित चंद्रयान -3 के प्रक्षेपण को देखने के लिए नागरिकों को आमंत्रित किया.

चंद्रयान-2 मिशन के दौरान चंद्रमा की सतह से अंतिम समय में लैंडर से इसरो का संपर्क टूट गया था.

लॉन्च किए जाने वाले अंतरिक्ष यान के लिए पृथ्वी से चंद्रमा तक की यात्रा में लगभग एक महीने का समय लगने का अनुमान है और लैंडिंग 23 अगस्त को होने की उम्मीद है.

चंद्रयान-2, 2019 में चांद की सतह पर सुरक्षित तरीके से उतरने में विफल रहा था जिससे इसरो का दल काफी निराश हो गया था. तब भावुक हुए तत्कालीन इसरो प्रमुख के. सिवान को गले लगा कर ढांढस बंधाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरें आज भी लोगों को याद हैं.

चंद्रयान-3 के लॉन्चपैड से पुस्तक का विमोचन

राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता फिल्म निर्माता विनोद मनकारा की नयी किताब का यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एसडीएससी) के ‘रॉकेट लॉन्चपैड’ से विमोचन किया गया

विज्ञान से संबंधित लेखों का संग्रह ‘प्रिज्म : द एन्सेस्ट्रल एबोड ऑफ रेनबो’ का बृहस्पतिवार शाम को एसडीएससी-एसएचएआर में उस समय अनोखा विमोचन किया गया, जब भारत के बहुप्रतीक्षित चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-3’ के प्रक्षेपण की तैयारियां जोर-शोर से हो रही है.

कुल 167 पन्नों की इस किताब की प्रस्तावना सोमनाथ ने खुद लिखी है. उन्होंने कहा है कि यह ‘‘विज्ञान के चमत्कारों’’ से भरपूर है.

मनकारा के वृत्तचित्रों में चंद्रयान-1 पर बनी ‘चंद्रानु नेरे चून्दुविरल’ और विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के 60 वर्ष पूरे होने पर आधारित ‘वीएएससीएट60’ शामिल हैं. वह चंद्रयान-3 पर एक नया वृत्तचित्र भी बना रहे हैं.

ISRO के चंद्रयान मिशन का घटनाक्रम

चंद्रमा तक पहुंचने के मिशन का घटनाक्रम इस प्रकार है :

15 अगस्त 2003 : तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चंद्रयान कार्यक्रम की घोषणा की.

22 अक्टूबर 2008 : चंद्रयान-1 ने श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी.

आठ नवंबर 2008 : चंद्रयान-1 ने प्रक्षेपवक्र पर स्थापित होने के लिए चंद्र स्थानांतरण परिपथ (लुनर ट्रांसफर ट्रेजेक्ट्री) में प्रवेश किया.

14 नवंबर 2008 : चंद्रयान-1 चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया लेकिन उसने चांद की सतह पर पानी के अणुओं की मौजूदगी की पुष्टि की.

28 अगस्त 2009 : इसरो के अनुसार चंद्रयान-1 कार्यक्रम की समाप्ति हुई.

22 जुलाई 2019 : श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण किया गया.

20 अगस्त 2019 : चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया.

दो सितंबर 2019 : चंद्रमा की ध्रुवीय कक्षा में चांद का चक्कर लगाते वक्त लैंडर ‘विक्रम’ अलग हो गया था लेकिन चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर लैंडर का जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया.

14 जुलाई 2023 : चंद्रयान-3 श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में दूसरे लॉन्चपैड से उड़ान भरेगा.

23/24 अगस्त 2023 : इसरो के वैज्ञानिकों ने 23-24 अगस्त को चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की योजना बनायी है जिससे भारत इस उपलब्धि को हासिल करने वाले देशों की फेहरिस्त में शामिल हो जाएगा.

 

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