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Wednesday, 8 May, 2024
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चंद्रयान-3, डिफेंस, ह्यूमन स्पेस फ्लाइट- जो बाइडन और PM मोदी ने G20 से इतर कई मुद्दों पर की चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच यहां एक एक द्विपक्षीय बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया. बाइडन शनिवार और रविवार को होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली आए हैं.

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नई दिल्ली: G20 समिट के लिए शुक्रवार को भारत आए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. चंद्रयान -3 के लिए बधाई, और जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाशिंगटन की आधिकारिक यात्रा के दौरान चर्चा किए गए मामलों पर दोनों नेताओं ने एक बार फिर विचार-विमर्श किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच यहां एक एक द्विपक्षीय बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया. बाइडन शनिवार और रविवार को होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली आए हैं.

द्विपक्षीय बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया, “नेताओं ने प्रधान मंत्री मोदी की जून 2023 की ऐतिहासिक वाशिंगटन यात्रा की अभूतपूर्व उपलब्धियों को लागू करने के लिए चल रही पर्याप्त प्रगति के लिए अपनी सराहना की.”

इनमें अंतरिक्ष में सहयोग, भारत में GE F-414 फाइटर जेट इंजन बनाने के लिए GE एयरोस्पेस और HAL के बीच वाणिज्यिक समझौता और जनरल एटॉमिक्स के MQ-9B दूर से संचालित विमान खरीदने की दिल्ली की योजना शामिल रही.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच संबंध “गर्मजोशी और विश्वास” पर आधारित हैं. शुक्रवार को दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद अमेरिकी पक्ष के सूत्रों ने यह जानकारी दी.

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दोनों नेताओं ने महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर भारत-अमेरिका पहल [आईसीईटी] पर भी चर्चा की, जिसमें रक्षा सहित सहयोग के लिए बाधाओं को दूर करने की परिकल्पना की गई है.

सूत्रों ने कहा कि भारत में कई चीजें हैं जिनके बारे में अमेरिका का मानना है कि वे काफी मजबूत और स्वस्थ हैं और अन्य मुद्दे भी हैं जिन पर वह बातचीत जारी रखता है.

अमेरिका ने क्वांटम क्षेत्र में भारत के साथ द्विपक्षीय रूप से और ‘क्वांटम एंटैंगमेंट एक्सचेंज’ के माध्यम से मिलकर काम करने की शुक्रवार को अपनी प्रतिबद्धता दोहराई. यह बात एक संयुक्त बयान में कही गई है.

‘क्वांटम इंटैंगलमेंट एक्सचेंज’ इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय अदान-प्रदान अवसरों को सुविधाजनक बनाने के लिए एक मंच है.

अमेरिका ने ‘क्वांटम इकोनॉमिक डेवलपमेंट कंसोर्टियम’ के सदस्य के रूप में भारत के एस एन बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज, कोलकाता की भागीदारी का स्वागत किया.


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इसरो और नासा

बाइडन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में चंद्रयान -3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के साथ-साथ भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य एल1 के सफल प्रक्षेपण पर प्रधान मंत्री मोदी और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को भी बधाई दी.

इसके अलावा, दोनों नेताओं ने घोषणा की कि इसरो और नासा ने 2024 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए एक संयुक्त प्रयास शुरू करने के लिए “तौर-तरीके, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण” पर चर्चा शुरू कर दी है.

बयान में कहा गया, ‘‘इसकी भी मान्यता दी गई कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुम्बई एक अंतरराष्ट्रीय भागीदार के रूप में शिकागो क्वांटम एक्सचेंज में शामिल हुआ है.’’

दोनों नेताओं ने जैव प्रौद्योगिकी और जैव-विनिर्माण नवाचारों में वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान सहयोग को सक्षम बनान के लिए अमेरिकी राष्ट्रीय विज्ञान फाउंडेशन (एनएसएफ) और भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के बीच एक कार्यान्वयन व्यवस्था पर हस्ताक्षर करने की भी सराहना की.

बयान में कहा गया, ‘‘दोनों नेताओं ने सेमीकंडक्टर अनुसंधान, अगली पीढ़ी की संचार प्रणालियों, साइबर सुरक्षा और हरित प्रौद्योगिकियों और ‘इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम’ में अकादमिक और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एनएसएफ और भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रस्ताव आमंत्रित किये जाने का स्वागत किया.’’

दोनों नेताओं ने लचीली प्रौद्योगिकी मूल्य श्रृंखलाओं के निर्माण और रक्षा औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र को जोड़ने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन नीतियों को बढ़ावा देने और नियमों को अपनाने के लिए अपने प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहरायी जो भारतीय और अमेरिकी उद्योग, सरकार और अकादमिक संस्थाओं के बीच अधिक प्रौद्योगिकी साझाकरण, सह-विकास और सह-उत्पादन के अवसरों की सुविधा प्रदान करते हैं.

इसमें कहा गया, ‘दोनों नेताओं ने जून 2023 में शुरू किए गए द्विपक्षीय रणनीतिक व्यापार संवाद के तत्वावधान में एक अंतर-एजेंसी निगरानी तंत्र के माध्यम से निरंतर सम्पर्क का भी स्वागत किया.’’

दोनों नेताओं ने कम से कम 10 लाख अमेरिकी डॉलर की संयुक्त प्रारंभिक प्रतिबद्धता के साथ भारत-अमेरिका वैश्विक चुनौती संस्थान की स्थापना के लिए काउंसिल आफ इंडियन इंस्टीट्यूट्स आफ टेक्नोलॉजी (आइआईटी काउंसिल) के नेतृत्व में भारतीय विश्वविद्यालयों और एसोसिएशन आफ अमेरिकन यूनीवर्सिटीज (एएयू) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का भी स्वागत किया.


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