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Saturday, 4 May, 2024
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बाइडन की टीम ने कहा कि वार्ता के बाद मीडिया को सवाल पूछने नहीं दिया तो कांग्रेस बोली- ये है मोदी स्टाइल

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने लिखा है, “राष्ट्रपति बाइडन की टीम का कहना है कि कई अनुरोधों के बावजूद भारत ने दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बैठक के बाद मीडिया को बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछने की अनुमति नहीं दी.”

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नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की टीम ने कहा है कि कई अनुरोधों के बावजूद भारत ने यहां उनकी द्विपक्षीय बैठक के बाद मीडिया को बाइडन और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सवाल पूछने की अनुमति नहीं दी.

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन 9 एवं 10 सितंबर को जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए दिल्ली में हैं.

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर लिखा, “राष्ट्रपति बाइडन की टीम का कहना है कि कई अनुरोधों के बावजूद भारत ने दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बैठक के बाद मीडिया को बाइडन और प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछने की अनुमति नहीं दी.”

रमेश ने कहा, “राष्ट्रपति बाइडन अब 11 सितंबर को वियतनाम में अपने साथ मौजूद मीडिया के सवालों का जवाब देंगे। बिल्कुल भी आश्चर्य की बात नहीं है. मोदी-शैली में लोकतंत्र ऐसे ही चलता है.”

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बाइडन के दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री आवास पर दोनों नेताओं के बीच 8 सिंतबर की शाम ही द्विपक्षीय बैठक हुई. व्हाइट हाउस ने कहा कि मोदी सरकार से कई अनुरोधों के बावजूद, बाडेन के साथ नई दिल्ली जाने वाले पत्रकारों को बातचीत करने नहीं दिया.

बाद में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन-पियरे ने कहा कि व्हाइट हाउस पत्रकारों को दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत को मीडिया तक पहुंचाने के लिए  “अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास” कर रहा है. बाद में व्हाइट हाउस ने मीडिया के लिए बयान जारी कर दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में हुई बैठक की जानकारी दी.

बता दें कि जी20 शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले मोदी और बाइडेन ने लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री के आवास पर द्विपक्षीय वार्ता की. बैठक के बाद कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं हुई, दोनों देशों की ओर से संयुक्त बयान जारी किया गया.

बयान के अनुसार, बाइडेन ने भारत के स्थायी सदस्य के रूप में संशोधित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के लिए अमेरिका के समर्थन की पुष्टि की, और 2028-29 में यूएनएससी की गैर-स्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का समर्थन किया.

हालांकि व्हाइट हाउस को इस बात का आभास था इसलिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने गुरुवार को द्विपक्षीय बैठक को असामान्य प्रकृति का बताते हुए टिप्पणी की थी क्योंकि यह बैठक मोदी के निजी आवास पर होनी थी. उन्होंने कहा, “यह आपकी भारत की सामान्य द्विपक्षीय यात्रा नहीं है, जिसमें प्रधान मंत्री कार्यालय और पूरे कार्यक्रम में बैठकें होंगी. भारत G20 का मेजबान है जो बड़ी संख्या में नेताओं की मेजबानी कर रहा है.और यह मीटिंग उनके घर पर हो रही है इसलिए उन्होंने कुछ प्रोटोकॉल निर्धारित किए हैं.”

गुरुवार को एक प्रेस वार्ता के दौरान, सुलिवन ने कहा था कि वाशिंगटन ने प्रेस की उचित पहुंच सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की. “हमने अपने पूरे एफर्ट्स लगाए जहां हम यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि अमेरिकी प्रेस को अंतर्राष्ट्रीय प्रेस के सदस्यों के रूप में वे सभी पहुंच प्राप्त हों जिनकी उन्हें आवश्यकता है और व्हाइट हाउस प्रेस के सदस्यों के रूप में वे इसके हकदार हैं.”

अमेरिकी रिपोर्टों के अनुसार, सुलिवन, संचार निदेशक बेन लाबोल्ट, उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन फाइनर और राष्ट्रपति के उप सहायक और इंडो-पैसिफिक कर्ट कैंपबेल सहित वाशिंगटन के कई अधिकारियों ने अपने भारतीय समकक्षों के साथ संवाद किया, लेकिन सारे प्रयास प्रेस की पहुंच नेताओं तक करने में असमर्थ रहे.


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