नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को बच्चों की प्रसिद्ध पत्रिका चंपक की याचिका पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई)से जवाब तलब किया।
याचिका में आईपीएल के दौरान बीसीसीआई द्वारा अपने एआई रोबोट कुत्ते का नाम ‘चंपक’ रखने पर ट्रेडमार्क उल्लंघन का आरोप लगाया गया है।
न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी ने कहा कि चंपक हमेशा से एक मौजूदा ब्रांड नाम रहा है। उन्होंने बीसीसीआई को चार सप्ताह के भीतर याचिका के जवाब में अपना लिखित बयान दाखिल करने को कहा। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई नौ जुलाई को तय की है।
यह याचिका दिल्ली प्रेस पत्र प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर की गई है, जो 1968 से चंपक पत्रिका का प्रकाशन कर रही है।
प्रकाशक की ओर से पेश हुए अधिवक्ता अमित गुप्ता ने दलील दी कि रोबोट कुत्ते का नाम ‘चंपक’ रखना उसके पंजीकृत ट्रेडमार्क का उल्लंघन है और साथ ही इसका व्यावसायिक दोहन भी है, क्योंकि चंपक एक प्रसिद्ध ट्रेडमार्क है।
बीसीसीआई की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता जे साई दीपक ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि चंपक एक फूल का नाम है और लोग रोबोट कुत्ते को पत्रिका से नहीं बल्कि टीवी सीरीज के एक पात्र से जोड़ रहे हैं।
न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान मौखिक टिप्पणी की कि क्रिकेटर विराट कोहली का दुलार का नाम ‘चीकू’ है, जो चंपक पत्रिका के पात्रों में से एक है। उन्होंने सवाल किया कि प्रकाशक ने उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की?
अदालत द्वारा यह पूछे जाने पर कि उल्लंघन का आरोप किस प्रकार लगाया गया है, तो वादी के वकील ने दलील दी कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) एक वाणिज्यिक उपक्रम है तथा यह विज्ञापन, विपणन और कमाई करती है।
भाषा धीरज मनीषा
मनीषा
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.