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रविवार, 27 अप्रैल, 2025
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केंद्र ने पहला पंचायत उन्नति सूचकांक जारी किया, गुजरात और तेलंगाना का प्रदर्शन सबसे अच्छा

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नयी दिल्ली, नौ अप्रैल (भाषा) केंद्र सरकार ने नौ स्थानीयकृत सतत विकास लक्ष्यों के कार्यान्वयन की दिशा में देशभर की 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों की प्रगति का आकलन करने वाला पहला पंचायत उन्नति सूचकांक (पीएआई) जारी किया है। केंद्रीय पंचायती राज मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी।

मंत्रालय ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए जारी पीएआई आंकड़े के मुताबिक, 699 पंचायतें शीर्ष श्रेणियों में हैं, जिनमें से अधिकांश गुजरात और तेलंगाना की हैं।

मंत्रालय के मुताबिक, पीएआई स्थानीयकृत सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के नौ पैमानों के कार्यान्वयन की दिशा में पंचायतों का प्रदर्शन आंकता है।

उसने कहा कि इन पैमानों में गरीबी मुक्त एवं उन्नत आजीविका स्रोत वाली पंचायत, स्वस्थ पंचायत, बाल-अनुकूल पंचायत, पर्याप्त जल वाली पंचायत, स्वच्छ एवं हरित पंचायत, आत्मनिर्भर बुनियादी ढांचे वाली पंचायत, सामाजिक रूप से न्यायसंगत एवं सुरक्षित पंचायत, सुशासन वाली पंचायत और महिला-अनुकूल पंचायत शामिल हैं।

सूचकांक के तहत , विभिन्न ग्राम पंचायतों को उनके प्रदर्शन के लिहाज से मिले अंकों के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है, जिनमें सफल (90 से अधिक अंक), अग्रणी (75 से 90), बेहतर प्रदर्शन करने वाली (60 से 75), आकांक्षी (40 से 60) और शुरुआती स्तर की प्रगति वाली (40 से कम) पंचायतें शामिल हैं।

सूचकांक में जहां 699 पंचायतें (0.3 फीसदी) अग्रणी बनकर उभरी हैं, वहीं 77,298 (35.8 प्रतिशत) को बेहतर प्रदर्शन करने वाली पंचायतों, 1,32,392 (61.2 फीसदी) को आकांक्षी और 5,896 (2.7 प्रतिशत) को शुरुआती दौर की प्रगति वाली पंचायतों में रखा गया है। इसमें किसी भी ग्राम पंचायत को सफल श्रेणी में नहीं शामिल नहीं किया गया है।

मंत्रालय ने कहा कि सूचकांक में फिलहाल कोई अंतर-राज्यीय तुलना नहीं की गई है।

उसने बताया कि जिन 699 पंचायतों को अग्रणी श्रेणी में रखा गया है, उनमें गुजरात की सर्वाधिक 346 और तेलंगाना की 270 पंचायतें शामिल हैं।

मंत्रालय के अनुसार, बेहतर प्रदर्शन करने वाली 77,298 पंचायतों में से 13,781 गुजरात की, 12,242 महाराष्ट्र की, 10,099 तेलंगाना की, 7,912 मध्यप्रदेश की और 6,593 उत्तर प्रदेश की हैं।

उसने बताया कि आकांक्षी ग्राम पंचायतों की सबसे अधिक संख्या बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में है, जिससे रेखांकित होता है कि इन क्षेत्रों में विकास के अधिक प्रयास किए जाने की जरूरत है।

पीएआई आंकड़े से पता चलता है कि 2,55,699 ग्राम पंचायतों में से 2,16,285 ने सत्यापित डेटा प्रस्तुत किया।

पीएआई एक समग्र सूचकांक है, जिसे 435 विशिष्ट स्थानीय संकेतकों (331 अनिवार्य और 104 वैकल्पिक) के आधार पर संकलित किया गया है, जिसमें सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) के राष्ट्रीय संकेतक फ्रेमवर्क (एनआईएफ) के साथ संरेखित एलएसडीजी के नौ पैमानों में 566 विशिष्ट डेटा अंक शामिल हैं।

मंत्रालय ने बताया कि सूचकांक में पांच राज्यों/केंद्र-शासित प्रदेशों (मेघालय, नगालैंड, गोवा, पुडुचेरी और पश्चिम बंगाल) की 11,712 पंचायतों का डेटा लंबित सत्यापन के कारण शामिल नहीं किया गया।

भाषा पारुल अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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