नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम 1967 के प्रावधान 3 (1) के तहत ‘सिखों के लिए न्याय (एसएफजे)’ संगठन को गैरकानूनी घोषित किया, गृह मंत्रालय के सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है.
Union Cabinet has declared 'Sikhs for Justice' (SFJ) as an unlawful association. pic.twitter.com/uRiBgFCyOR
— ANI (@ANI) July 10, 2019
MHA Sources: Sikhs for Justice (SFJ) & its secessionist campaign referendum 2020 is supported by Pak. Official website of SFJ & referendum 2020 were sharing & sourcing content from Karachi based website of a number of SFJ activists were also linked with same Pakistani websites. https://t.co/lZVTJULlz6
— ANI (@ANI) July 10, 2019
सूत्रों ने कहा कि केंद्र ने पंजाब सहित राज्य सरकारों के परामर्श से एसएफजे को गैरकानूनी करार देने का फैसला किया है. प्रमुख सिख निकायों ने भी एसएफजे की अलगाववादी गतिविधियों पर भी चिंता जताई थी और इसलिए सरकार ने संभावित खतरे को रोकने का फैसला किया. सूत्रों ने कहा कि एसएफजे और इसके अलगाववादी अभियान जनमत संग्रह 2O20 को पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त है.
MHA sources: Punjab Police&NIA busted several modules of Sikhs for Justice (SFJ) indulging in various subversive activities in Punjab. Probe revealed that activists were radicalised&funded by foreign based SFJ handlers Gurpatwant Singh Pannun, Harmeet Singh, Paramjit Singh Pamma pic.twitter.com/wlPmlWMMZQ
— ANI (@ANI) July 10, 2019
एमएचए के सूत्रों ने एएनआई को बताया कि एसएफजे बिज़ की आधिकारिक वेबसाइट ‘www.sikhforjustice.org’ और जनमत संग्रह 2020 बिज़ ‘www.2020referendum.org’ को गुरूस्वामी सिंह पुन्नू सहित कई एसएफआई कार्यकर्ताओं की कराची आधारित वेबसाइट्स से कंटेंट और स्रोत मिल रहे थे.
एसएफजे के खिलाफ 12 मामले दर्ज किए गए हैं, जबकि संगठन से जुड़े 39 लोगों को विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है. संगठन के कई सोशल मीडिया हैंडल भी ब्लॉक कर दिए गए हैं.
MHA Sources: Union Cabinet declares Sikhs for Justice,a fringe group run by few radical Sikhs of foreign nationality in US, Canada, UK etc, as an unlawful assn under provision 3(1) of UAPA, Act 1967. 12 cases filed, 39 ppl of SFJ arrested. Many social media handles of SFJ blocked https://t.co/zTtdxDJO3y
— ANI (@ANI) July 10, 2019
एसएफजे ने अपनी अलगाववादी विचारधारा के प्रचार के लिए करतारपुर कॉरिडोर का उपयोग करना चाहा, सूत्रों ने कहा कि इस समूह पर अंकुश या प्रतिबंध लगाने का पाकिस्तान ने कोई ठोस सबूत नहीं दिया है.
भारत 14 जुलाई को करतारपुर वार्ता के दौरान तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के मुद्दे को उठा सकता है.
पंजाब पुलिस और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पंजाब में विभिन्न विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त एसएफजे के कई मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया. जांच से पता चला है कि कार्यकर्ताओं को कट्टरपंथी और विदेशी मूल के एसएफजे हैंडलर्स गुरपतवंत सिंह पन्नून, हरमीत सिंह, परमजीत सिंह पम्मा द्वारा फंड मुहैया कराया गया था.
परमजीत सिंह पम्मा को भारत-इंग्लैंड विश्व कप मैच के दौरान देखा गया था. एमएचए के सूत्रों ने कहा कि वह सिख फॉर जस्टिस से भी जुड़े हुए हैं.
पंजाब सीएमओ ने एक बयान में कहा, ‘सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एसएफजे पर गैरकानूनी गतिविधियों के कारण बैन लगाने के कारण भारत सरकार के फैसले स्वागत किए है. उन्होंने आईएसआई समर्थित भारत विरोधी या अलगाववादी संगठन से राष्ट्र की रक्षा की दिशा में पहला कदम बताया है.’
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एसएफजे पर प्रतिबंध लगाने और इसे गैरकानूनी संगठन करार देते हुए केंद्र सरकार के फैसले का स्वागत किया है.
पंजाब सीएमओ ने एक बयान में कहा, ‘सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एसएफजे पर गैरकानूनी गतिविधियों के तहत बैन लगाने का भारत सरकार के फैसले स्वागत किया है. उन्होंने आईएसआई समर्थित भारत विरोधी या अलगाववादी संगठन से राष्ट्र की रक्षा की दिशा में इसे पहला कदम बताया है.’