कोच्चि, एक मई (भाषा) कांग्रेस नेता वी डी सतीशन ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने मुनंबम गांव के लोगों को ‘‘धोखा’’ दिया है, जबकि केरल की वामपंथी सरकार ने उनके साथ ‘‘विश्वासघात’’ किया है।
केरल विधानसभा में विपक्ष के नेता ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मुनंबम मुद्दे के जरिए ‘इस्लामोफोबिया’ पैदा करने की कोशिश कर रही है और पिनारायी विजयन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ऐसे प्रयासों का समर्थन कर रही है।
सतीशन ने कहा कि उन्होंने और कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने शुरू से ही यह कहा था कि वक्फ अधिनियम में हाल के संशोधनों से मुनंबम निवासियों को भूमि अधिकारों के लिए उनके संघर्ष में मदद नहीं मिलेगी, क्योंकि संबंधित भूमि वक्फ की नहीं है।
हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने यह सुझाव देकर मुनंबम के लोगों को गुमराह किया कि संशोधित वक्फ कानून उनके मुद्दे को हल कर देगा, जबकि वामपंथी सरकार ने राज्य वक्फ बोर्ड से यह दावा करवाया कि यह जमीन वास्तव में वक्फ का हिस्सा है।
सतीशन ने कहा, ‘‘ तो, एक तरफ पिनारायी विजयन ने दावा किया कि वे मुनंबम के लोगों की रक्षा करेंगे, और दूसरी तरफ उन्होंने बोर्ड से जमीन को वक्फ की संपत्ति घोषित करने को कहा। यह उनका दोहरा मापदंड है।’’
कांग्रेस नेता ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अगर यह वक्फ की जमीन है तो वहां के लोगों को अतिक्रमणकारी करार दिया जाएगा। इसलिए केंद्र सरकार ने उनके साथ धोखा किया और वामपंथी सरकार ने उनके साथ विश्वासघात किया। हमने मुनंबम निवासियों के आंदोलन का शुरू से ही समर्थन किया है।’’
एर्णाकुलम जिले के मुनंबम गांव के लोग कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि वक्फ बोर्ड अवैध रूप से उनकी जमीन और संपत्तियों पर स्वामित्व का दावा कर रहा है। इन लोगों में से अधिकतर ईसाई समुदाय के हैं।
सतीशन ने दावा किया कि अगर यूडीएफ सत्ता में आई तो मुनंबम निवासियों का मुद्दा 10 मिनट में हल हो जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी इस बात पर खिल्ली उड़ाई गई। लेकिन यह संभव है। सरकार को बस इतना करना है कि बोर्ड को यह निर्देश दे कि वह यह रुख अपनाए कि यह जमीन वक्फ का हिस्सा नहीं है। मौजूदा सरकार भी ऐसा कर सकती है।’’
इसके अलावा, सतीशन ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमन चांडी की सरकार ने विझिनजम बंदरगाह के लिए सिर्फ आधारशिला ही नहीं रखी, बल्कि उसने परियोजना के आरंभ के लिए सभी आवश्यक कदम पूरे किए। लेकिन, बाद में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) प्रशासन की निष्क्रियता के कारण इस परियोजना में विलंब हो गया।
सतीशन ने इस परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन पर पलटवार करते हुए यह बात कही। विजयन ने एक दिन पहले कहा था कि परियोजना का श्रेय लेने के लिए केवल पत्थर रख देना पर्याप्त नहीं है और बंदरगाह पर जहाजों का पहुंचना सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा था कि यह परियोजना 2016-2021 की एलडीएफ सरकार या उससे पहले की यूडीएफ सरकार की पहल नहीं थी, बल्कि यह राज्य में दशकों से चल रही एक प्रक्रिया का साकार रूप थी, जिसमें वामपंथी प्रशासन के पिछले नौ साल सबसे महत्वपूर्ण अवधि थी।
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