scorecardresearch
Monday, 18 November, 2024
होमदेशकेंद्र सरकार देश में 15 हजार आदर्श स्कूल विकसित करेगी, बजट में 1800 करोड़ रुपये का प्रावधान

केंद्र सरकार देश में 15 हजार आदर्श स्कूल विकसित करेगी, बजट में 1800 करोड़ रुपये का प्रावधान

Text Size:

(दीपक रंजन)

नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) केंद्र सरकार देश में 15,000 स्कूलों को आदर्श स्कूल (एक्जेमप्लर स्कूल) के रूप में विकसित करने जा रही है और इसके लिये वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में 1800 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है।

सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस प्रस्ताव को वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिल गई है और अब इस योजना को कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है।

वित्त वर्ष 2022-23 के बजटीय दस्तावेज के अनुसार, देश में 15,000 स्कूलों को आदर्श स्कूल के रूप में विकसित करने की योजना के लिये 1800 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रावधान किया गया है।

इस योजना के तहत सरकार 2024 तक प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर कम से कम एक आदर्श स्कूल विकसित करना चाहती है ।

दस्तावेज के अनुसार, इस योजना के तहत विकसित किेये जाने वाले आदर्श स्कूलों में प्रारंभिक स्तर पर 1470 स्कूल तथा प्राथमिक स्तर पर 1470 विद्यालय शामिल हैं। इसके अलावा माध्यमिक स्तर पर 6030 तथा उच्च माध्यमिक स्तर पर 6030 स्कूलों को आदर्श स्कूल के रूप में विकसित किया जायेगा ।

शिक्षा मंत्रालय इसे लेकर एक नई योजना लायेगी, जिसके तहत इन स्कूलों को विकसित किया जाएगा। खास बात यह है कि ये सभी स्कूल सरकारी ही होंगे, जिनका चयन राज्यों के साथ मिलकर किया जायेगा ।

गौरतलब है कि पिछले वर्ष के आम बजट में देश में आदर्श स्कूल स्थापित करने की योजना की घोषणा की गई थी ।

सूत्रों ने बताया कि प्रस्ताव में प्रत्येक ब्लॉक में एक प्रारंभिक (एलीमेंट्री) और एक प्राथमिक (प्राइमरी) स्कूल और प्रत्येक जिले में एक माध्यमिक और एक उच्च माध्यमिक स्कूल को उत्कृष्ट स्कूलों के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।

प्रस्ताव के अनुसार, आदर्श स्कूल में सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित, प्रोत्साहित करने वाले शैक्षिक वातावरण में सीखने एवं विविध अनुभव प्रदान करने वाली अच्छी ढांचागत व्यवस्था एवं समुचित संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही गई है । इसमें स्कूलों में उपस्थिति बढाना तथा बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया जायेगा तथा शिक्षा तक पहुंच सुगम बनाकर स्कूल बीच में छोड़ने को हतोत्साहित किया जायेगा ।

सूत्रों ने कहा कि ये स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के कार्यान्वयन में मदद करेंगे और अपने-अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता के अनुकरणीय विद्यालयों के रूप में उभरेंगे ।

इन स्कूलों में अपनायी जाने वाली शिक्षा व्यवस्था अधिक प्रायोगिक, समग्र, एकीकृत, वास्तविक जीवन की स्थितियों पर आधारित, जिज्ञासा एवं शिक्षार्थी केंद्रित होगी। इनमें स्मार्ट कक्षा, पुस्तकालय, कौशल प्रयोगशाला, खेल का मैदान, कंप्यूटर प्रयोगशाला, विज्ञान प्रयोगशाला आदि सभी सुविधाएं होंगी।

भाषा दीपक दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments