scorecardresearch
Thursday, 21 November, 2024
होमदेशकेंद्र सरकार ने वीआईपी सुरक्षा से एनएसजी को हटाने का किया फैसला

केंद्र सरकार ने वीआईपी सुरक्षा से एनएसजी को हटाने का किया फैसला

करीब दो दशक बाद ऐसा होगा कि आतंकवाद निरोधी विशिष्ट बल के ‘ब्लैक कैट’ कमांडो को वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी से हटाया जाएगा. इस बल का जब 1984 में गठन हुआ था तब इसके मूल कामों में वीआईपी सुरक्षा शामिल नहीं थीं.

Text Size:

नई दिल्ली: गांधी परिवार की एसपीजी सुरक्षा हटाने और वीआईपी सुरक्षा में व्यापक कटौती लागू करने के बाद केंद्र सरकार ने अब एनएसजी कमांडो को इस काम से पूरी तरह मुक्त करने का फैसला किया है. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.

करीब दो दशक बाद ऐसा होगा कि आतंकवाद निरोधी विशिष्ट बल के ‘ब्लैक कैट’ कमांडो को वीआईपी सुरक्षा ड्यूटी से हटाया जाएगा. इस बल का जब 1984 में गठन हुआ था तब इसके मूल कामों में वीआईपी सुरक्षा शामिल नहीं थीं.

यह बल ‘जेड-प्लस’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त 13 ‘उच्च जोखिम’ वाले वीआईपी को सुरक्षा देता है. इस सुरक्षा घेरे में अत्याधुनिक हथियारों से लैस करीब दो दर्जन कमांडो हर वीआईपी के साथ होते हैं.

सुरक्षा संस्था के अधिकारियों ने बताया कि एनएसजी की सुरक्षा ड्यूटी को जल्द ही अर्धसैनिक बलों को सौंप दिया जाएगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी एनएसजी ही सुरक्षा प्रदान करता है.

एनएसजी की सुरक्षा, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, मुलायम सिंह यादव, चंद्रबाबू नायडू, प्रकाश सिंह बादल, फारुक अब्दुल्ला, असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री एल के आडवाणी को भी मिली हुई है.

आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय का मत है कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) को अपना ध्यान मूल काम, आतंकवाद को रोकना, विमान अपहरण के खिलाफ अभियान, पर केंद्रित करना चाहिए और वीआईपी सुरक्षा के काम की जिम्मेदारी उसकी सीमित व विशिष्ट क्षमताओं पर बोझ साबित हो रहा था.

सुरक्षा संस्था के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘एनएसजी को आतंकवाद निरोधी और विमान अपहरण विरोधी अपने मूल दायित्वों को देखने के जरूरत है. इस कदम के पीछे यही कारण है.’

अधिकारियों ने कहा कि वीआईपी सुरक्षा से एनएसजी को हटाने से करीब 450 कमांडो मुक्त हो जाएंगे जिनका इस्तेमाल देश में बने इनके पांच ठिकानों में इनकी मौजूदगी को और सुदृढ़ करने में किया जाएगा.

जिस योजना पर काम किया जा रहा है उसके मुताबिक एनएसजी सुरक्षा प्राप्त वीआईपी लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को सौंपी जा सकती है जो पहले ही संयुक्त रूप से करीब 130 प्रमुख लोगों को सुरक्षा मुहैया कराती है.

सीआरपीएफ को हाल ही में पांच पूर्व एसपीजी सुरक्षा प्राप्त लोगों- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, और उनके बच्चों प्रियंका व राहुल- की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इसके अलावा उसके पास लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की सुरक्षा का भी जिम्मा है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत समेत कुछ अन्य प्रमुख लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीआईएसएफ के पास है.

share & View comments