दीमापुर (नगालैंड), एक नवंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि केंद्र यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि पूर्वोत्तर के फायदे के लिए क्षेत्र में खनिज संसाधनों का उचित तरीके से दोहन किया जाए।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर में कोयला तथा तेल की खोज के पर्यावरण पर असर का भी अध्ययन कर रही है।
नगालैंड के चुमुकेदीमा जिले में सोमवार को मीडियाकर्मियों से बातचीत में जोशी ने कहा कि देशभर में उत्खनन गतिविधियों को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने एक दिवसीय ‘पूर्वोत्तर भूविज्ञान एवं खनन मंत्री सम्मेलन’ के बाद यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा, ‘‘खनिज मंत्रालय पूरे भारत में खनन गतिविधियों को बढ़ावा देने के निरंतर प्रयास कर रहा है। इसके अनुसार खनिज संपन्न पूर्वोत्तर क्षेत्र में खोज गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नगालैंड में पहला ऐसा सम्मेलन आयोजित किया गया।’’
केंद्रीय खनिज एवं कोयला मंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र इस क्षेत्र में कोयला एवं तेल की खोज के पर्यावरण पर होने वाले असर का भी करीबी अध्ययन कर रहा है।’’
वहीं, नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने उम्मीद जतायी कि यह सम्मेलन क्षेत्र में खनिजों की खोज के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू करेगा।
उन्होंने कहा कि नगालैंड में तेल और प्राकृतिक गैस के अलावा आर्थिक रूप से व्यवहार्य संसाधन जैसे कि कोयला, चूना पत्थर और बहु धातु मैग्नेटाइट मौजूद है।
इस सम्मेलन में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व शर्मा भी मौजूद रहे।
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