नयी दिल्ली, 28 जुलाई (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से जुड़े कथित ‘पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने’’ के मामले में लोकपाल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
सीबीआई ने लोकपाल की सिफारिश पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत पिछले साल 21 मार्च को महुआ और हीरानंदानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
महुआ पर आरोप है कि वह भ्रष्ट आचरण में लिप्त थीं और उन्होंने हीरानंदानी से रिश्वत व अन्य अनुचित लाभ लेकर ‘‘अपने संसदीय विशेषाधिकारों से समझौता किया तथा लोकसभा सदस्य होने के नाते मिली लॉगइन आईडी और पासवर्ड साझा कर राष्ट्रीय सुरक्षा के समक्ष खतरा पैदा किया।’’
अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने मामले में अपनी जांच के निष्कर्ष लोकपाल को सौंप दिए हैं, जो आगे की कार्रवाई तय करेगा।
महुआ पिछले लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से निर्वाचित हुई थीं। दिसंबर 2023 में उन्हें ‘‘अनैतिक आचरण’’ के लिए सदन से निष्कासित कर दिया गया था।
महुआ ने इस फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी। उन्होंने 2024 के आम चुनावों में कृष्णानगर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार अमृता रॉय को हराकर 18वीं लोकसभा में अपनी सीट बरकरार रखी।
भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से मोइत्रा पर लगाए गए आरोपों की प्रारंभिक जांच के आधार पर सीबीआई को निर्देश जारी किए।
दुबे ने आरोप लगाया था कि महुआ ने बई स्थित व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से नकदी और उपहार लेकर उद्योगपति गौतम अदाणी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित अन्य को निशाना बनाने के लिए संसद में सवाल पूछे।
भाषा धीरज पारुल
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