scorecardresearch
Sunday, 5 May, 2024
होमदेशएससी के क्लीन चिट के बावजूद सीबीआई राफेल मामले में एफआईआर दर्ज करने को बाध्य : भूषण, शौरी

एससी के क्लीन चिट के बावजूद सीबीआई राफेल मामले में एफआईआर दर्ज करने को बाध्य : भूषण, शौरी

भूषण ने कहा- सीबीआई को मामले की जांच के लिए सरकार की अनुमति मांगनी होगी और उसके पास ऐसा करने के लिए तीन महीने का समय है.

Text Size:

नई दिल्ली : वकील प्रशांत भूषण और पूर्व भाजपा नेता अरुण शौरी ने शुक्रवार को कहा कि सीबीआई को राफेल सौदे के मामले में प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए. एक दिन पहले ही उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार को इस मामले में क्लीन चिट दी है.

उच्चतम न्यायालय ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने पर मोदी सरकार को क्लीन चिट देने के पिछले साल सुनाये गये फैसले पर पुनर्विचार के लिए भूषण, शौरी और पूर्व भाजपा नेता यशवंत सिन्हा की याचिका समेत अन्य याचिकाओं को गुरुवार को खारिज कर दिया.

भूषण ने कहा कि सीबीआई तीन न्यायाधीशों की शीर्ष अदालत की पीठ के फैसले के बावजूद उनकी शिकायत पर जांच करने के लिए बाध्य है.

उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अगर सीबीआई ऐसा नहीं करती तो वे फिर उच्चतम न्यायालय में जाएंगे. संवाददाताओं को शौरी ने भी संबोधित किया. इस दौरान सिन्हा उपस्थित नहीं थे.

भूषण ने अपने पक्ष को पुख्ता करने के लिए न्यायमूर्ति के एम जोसेफ के फैसले का जिक्र किया जो फैसला सुनाने वाली प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ में शामिल रहे हैं.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

न्यायमूर्ति जोसेफ ने बुधवार को अलग फैसले में कहा कि सीबीआई से मौजूदा सरकार से पूरी तरह स्वतंत्र होकर काम करने की तथा सर्वोच्च स्तर के पेशेवर तौर-तरीकों की अपेक्षा की जाती है.

भूषण ने कहा, ‘सीबीआई को मामले की जांच के लिए सरकार की अनुमति मांगनी होगी और उसके पास ऐसा करने के लिए तीन महीने का समय है.’

अगर सीबीआई ऐसा नहीं करती है तो उसे मामले की जांच नहीं करने के कारण बताने होंगे.

सिन्हा, शौरी और भूषण ने पिछले साल अक्टूबर में उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया था कि राफेल सौदे में प्राथमिकी दर्ज की जाए.

शीर्ष अदालत ने 14 दिसंबर, 2018 को फैसले में कहा था कि 36 राफेल लड़ाकू विमानों को खरीदने में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह का कोई कारण नहीं है.

तीनों याचिकाकर्ताओं ने 14 दिसंबर के फैसले पर पुनर्विचार के लिए जनवरी में शीर्ष अदालत में गुहार लगाई थी.

share & View comments