(दूसरे पैरे में बदलाव के साथ)
नयी दिल्ली, 12 मार्च (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने भ्रष्टाचार के एक मामले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ अपनी जांच के सिलसिले में शनिवार को मुंबई के पुलिस आयुक्त संजय पांडे से पूछताछ की। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि पांडे पर मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह को देशमुख के खिलाफ अपनी शिकायत वापस लेने के लिए प्रभावित करने का आरोप है और इसी सिलसिले में उनसे शुक्रवार को करीब छह घंटे तक पूछताछ की गई। उन्होंने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय मामले की सुनवाई कर रहा है।
एजेंसी ने देशमुख और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश से संबंधित भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत ‘‘अपने लोक कर्तव्य के गलत और भ्रष्ट निर्वहन के जरिए अनुचित लाभ प्राप्त करने के प्रयास’’ के आरोप में मामला दर्ज किया है।
उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे अपने पत्र में परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि देशमुख ने कथित तौर पर एंटीलिया सुरक्षा उल्लंघन मामले में मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाझे को मुंबई के बार और रेस्तरां से एक महीने में कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये से अधिक की उगाही करने के लिए कहा था।
सीबीआई की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि प्रारंभिक जांच में प्रथम दृष्टया पता चला कि मामले में एक संज्ञेय अपराध बनता है, जिसमें महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख और अन्य अज्ञात लोगों ने गलत और भ्रष्ट आचरण के जरिए अनुचित लाभ प्राप्त करने का प्रयास किया है।
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई नियमावली के अनुसार, आरोपों के समर्थन में प्रथम दृष्टया सामग्री के आधार पर एक नियमित मामले को पूर्ण मामले के रूप में आगे बढ़ाया जा सकता है या नहीं इसके आकलन करने के लिए प्रारंभिक जांच शुरू की गई है। सीबीआई जांच में पाया गया कि वाझे को 15 साल से अधिक समय तक सेवा से बाहर रहने के बाद पुलिस में बहाल कर दिया गया था। वाझे को बाद में एनआईए ने गिरफ्तार किया था।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि वाझे को मुंबई पुलिस के अधिकांश सनसनीखेज और महत्वपूर्ण मामले सौंपे गए थे और तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख को इस तथ्य की जानकारी थी। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि देशमुख ‘‘और अन्य’’ ने अधिकारियों के स्थानांतरण और तैनाती को अनुचित तरीके से प्रभावित किया और इस तरह उन्होंने अपने आधिकारिक कर्तव्यों का अनुचित प्रदर्शन किया।
भाषा सुरभि पवनेश
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