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Saturday, 28 December, 2024
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बीरभूम हत्या मामले में CBI ने की पहली गिरफ्तारी, मुंबई ‘भागे’ चार संदिग्धों को पकड़ा

सीबीआई के अनुसार आरोपी- जिनकी अभी तक पहचान गोपनीय रखी गई है- गिरफ्तारी से बचने के लिए मुंबई भाग गए, जब मामले की जांच सीबीआई को दी गई थी.

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कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में 21 मार्च को हुई हत्याओं के सिलसिले में जांच कर रही है केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पहली गिरफ्तारी की है.

इस जांच में जुटे छह अधिकारी मुंबई पहुंचकर गुरुवार को चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया है. ट्रांजिट रिमांड के दौरान उन्हें रामपुरहाट कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां सीबीआई उनकी कस्टडी मांगेगी.

सीबीआई के अनुसार आरोपी- जिनकी अभी तक पहचान गोपनीय रखी गई है- गिरफ्तारी से बचने के लिए मुंबई भाग गए, जब मामले की जांच सीबीआई को दी गई थी.

गुरुवार को सीबीआई ने कलकत्ता हाई कोर्ट में 22 पन्नों की स्टेटस रिपोर्ट जमा की. 25 मार्च को स्वत: संज्ञान लेते हुए चीफ जस्टिस ने सीबीआई को इस मामले की जांच करने का आदेश दिया था.

21 मार्च को बोगतुई गांव में टीएमसी नेता भादु शेख की हत्या के बाद, भीड़ ने गांव के कई घरों में आग लगा दी जिसकी वजह से नौ लोगों की मौत हो गई, जिसे बदले की कार्रवाई माना जा रहा है.

अभी तक, सीबीआई ने राज्य पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए 21 आरोपियों से पूछताछ की. बाद में हाई कोर्ट के आदेश के बाद जांच में पुलिस शामिल नहीं है.

सीबीआई ने संदेह जताया कि पहले भी इनमें से दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जो अभी न्यायिक हिरासत में है. उन्होंने ही हिंसा में प्रमुख भूमिका निभाई है. इस मामले में तीन अन्य आरोपियों में सोना शेख, पलाश और भादु शेख के भाई हैं, जो कि अभी तक फरार हैं.

सीबीआई के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि हिंसा पीड़ितों के साथ पहले शोषण हुआ, उसके बाद उनके घरों में आग लगा दी गई. एक वरिष्ठ जांच अधिकारी ने कहा कि जांच अभी एडवांस्ड स्तर पर है और वो अभी पीड़ितों के डीएनए टेस्ट रिपोर्ट्स का इंतज़ार कर रहे हैं.

स्टेटस रिपोर्ट में सीबीआई ने इस बात का जिक्र किया है कि वो सीसीटीवी फुटेज की जांच कर रही है, जिसे घटनास्थल से जुटाया गया है और 35 से ज्यादा लोगों की इसकी जरिए पहचान की गई है.

एजेंसी ने रामपुरहाट स्थित स्थानीय अदालत से टीएमसी नेता अनारुल हुसैन समेत 8 आरोपियों के लाई डिटेक्शन टेस्ट की अनुमति दी जाए. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ग्रामीणों द्वारा एसओएस कॉल्स को कथित तौर पर नज़रअंदाज करने और पुलिस को खबर न करने के लिए राज्य पुलिस से हुसैन को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था, जिस रात गांव में नरसंहार हो रहा था.

कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस मसले पर आई याचिकाओं पर अपने आदेश को रिज़र्व किया है और भादु शेख की हत्या के मामले की जांच को भी सीबीआई को दे दिया है. रामपुरहाट पुलिस ने अब तक हत्या के मामले की जांच की है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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