नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मणिपुर के बिष्णुपुर जिले से पिछले साल 6 जुलाई को लापता हुए दो मैतेई किशोरों के लापता होने के मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ अलग-अलग चार्जशीट दायर किए हैं.
यह मामला तब सामने आया जब 11वीं कक्षा के छात्रों की एक तस्वीर सामने आई, जिसमें इंफाल पश्चिम के दोनों छात्र थे, जिन्हें “बंदी” बनाया गया था और एक अन्य तस्वीर में कथित तौर पर उनके शव दिखाई दे रहे थे. दिप्रिंट ने पहले बताया था कि कैसे 19 वर्षीय हेमनजीत विएटिमबॉय और 17 वर्षीय लड़की के परिवारों ने आरोप लगाया कि राज्य पुलिस ने उनके आग्रह पर एफआईआर तो दर्ज की लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई.
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि एजेंसी को संदेह है कि किशोरों को “संदिग्ध रूप से मारे जाने” से पहले “किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया गया”.
यह पूछे जाने पर कि क्या एजेंसी उनकी मौत की पुष्टि करने में सक्षम है, सीबीआई के एक सूत्र ने दिप्रिंट को बताया, “शव अभी तक बरामद नहीं किए जा सके हैं और जांच अभी भी जारी है.”
सितंबर के अंत में एक्स पर एक तस्वीर सामने आई जिसमें कथित तौर पर सड़क पर उनके शव पड़े हुए थे, जो कि मणिपुर में कुकी और मैतेई के बीच जातीय संघर्ष के बाद इंटरनेट सेवाएं बहाल होने के कुछ दिनों बाद सामने आया था, जिसमें पिछले मई से 180 से अधिक लोगों की जान चली गई है.
एक तस्वीर को उस तस्वीर के साथ जोड़कर देखा गया जिसमें किशोरों को जंगल में एक अस्थायी शिविर में दिखाया गया था, जिससे यह अनुमान लगाया गया कि दोनों को सशस्त्र कुकी समूहों द्वारा अपहरण कर लिया गया होगा और मार दिया गया होगा. इससे पुलिस और प्रशासन के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए, जिसके बाद सरकार ने इंटरनेट सेवाओं को बंद कर दिया था.
संघीय जांच एजेंसी ने 23 सितंबर को मामले को अपने हाथ में लिया और पांच आरोपियों नोहगिन बैतेकुकी, पाओलुनमांग, स्मालसॉवन हाओकिप, पाओमिनलुन हाओकिप और ल्हिंगनेइचांग के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया. उनमें से चार को सीबीआई ने 1 अक्टूबर को चुराचांदपुर के हेंगलेप से और पांचवें आरोपी को 12 अक्टूबर को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार किया था.
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने मामले में चार आरोपियों को “मुख्य दोषी” बताया था. सीबीआई प्रवक्ता ने मंगलवार को पुष्टि की कि मामले के चार आरोपियों को “जांच के दौरान गिरफ्तार किया गया था और वे वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं”.
क्या कह रही है CBI
सीबीआई प्रवक्ता ने मंगलवार को जारी एक बयान में यह भी कहा कि “दोनों अंतर-संबंधित मामलों (समान तथ्यों से उत्पन्न)” की जांच से पता चला कि 6 जुलाई की सुबह, “लड़का नाबालिग लड़की की ट्यूशन क्लास में गया और उसे अपनी बाइक पर बैठाकर, बिष्णुपुर की ओर ले गया और वहां से ओल्ड कछार रोड पर थास व्यू प्वाइंट क्षेत्र में चला गया.
बयान में कहा गया है कि वहां दोनों को “आरोपियों ने रोका और बंधक बना लिया और उन्हें एक “अज्ञात स्थान” पर ले जाने से पहले जबरन एक गाड़ी में बैठाया, बयान में कहा गया कि बाद में दोनों को “संदिग्ध रूप से मार दिया गया था”.
सीबीआई जांच दो एफआईआर पर आधारित है, जिनमें से पहली नाबालिग लड़की के पिता ने 8 जुलाई को इंफाल के एक पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई थी, जिसमें एक नाबालिग द्वारा उनकी बेटी के अपहरण का आरोप लगाते हुए उन्होंने दावा किया कि वह उसकी सहमति के बिना उससे शादी करना चाहता था. दूसरी एफआईआर विएटिमबॉय के पिता ने दर्ज कराई थी, जिन्होंने 19 जुलाई को इंफाल पश्चिम के लाम्फेल पुलिस स्टेशन में संपर्क किया था और आरोप लगाया था कि उनके बेटे का अपहरण कर लिया गया है.
(संपादन: अलमिना खातून)
(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर में मारे गए और सक्रिय आतंकवादियों की संख्या में 2023 में आई भारी गिरावट: CRPF डेटा