scorecardresearch
Monday, 6 May, 2024
होमदेशजम्मू-कश्मीर में मारे गए और सक्रिय आतंकवादियों की संख्या में 2023 में आई भारी गिरावट: CRPF डेटा

जम्मू-कश्मीर में मारे गए और सक्रिय आतंकवादियों की संख्या में 2023 में आई भारी गिरावट: CRPF डेटा

भारतीय सुरक्षा बलों ने 2023 में 72 आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि 2022 में 187 और 2021 में 184 आतंकवादियों को मार गिराया. दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार 'सक्रिय' आतंकवादियों की संख्या 91 है, जो 2022 में 135 से कम है.

Text Size:

नई दिल्ली: सेंट्रल रिज़र्व पुलिस फाॅर्स (सीआरपीएफ) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, घाटी के कुछ क्षेत्रों में सुरक्षा बलों पर घात लगाकर किए गए हमलों के बावजूद, जम्मू-कश्मीर में मारे गए और वर्तमान में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या काफी कम हो गई है.

सीआरपीएफ के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि इंडियन सिक्योरिटी फाॅर्स ने 2023 में लगभग 72 आतंकवादियों को मार गिराया, जबकि 2022 में 187 और 2021 में 184 आतंकवादियों को मार गिराया.

एक सूत्र ने बताया कि पिछले साल मारे गए 72 लोगों में से लगभग 20 स्थानीय आतंकवादी थे जो घाटी के थे, जबकि बाकी विदेशी मूल के थे.

सूत्र ने बताया कि 2022 में सेना द्वारा मारे गए 187 आतंकवादियों में से लगभग 57 विदेशी मूल के थे, जबकि शेष 130 कश्मीर के ही थे.

सीआरपीएफ सूत्रों ने यह भी कहा कि इस समय जम्मू-कश्मीर में लगभग 91 “सक्रिय” आतंकवादी हैं, जिनमें विदेशी आतंकवादियों की संख्या लगभग दो-तिहाई है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

सूत्रों ने कहा, इसके विपरीत, 2022 में सक्रिय आतंकवादियों की संख्या 135 थी, जिनमें से लगभग 85 विदेशी मूल के थे जबकि 50 स्थानीय आतंकवादी थे.

सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी सुझाव दिया कि जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों में से अधिकांश या तो प्रत्यक्ष या आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से संबंधित सदस्य हैं.

2008 में मुंबई में घातक हमले करने वाले लश्कर को भारत में प्रतिबंधित कर दिया गया है और गृह मंत्रालय द्वारा इसे “आतंकवादी संगठन” के रूप में नामित किया गया है.

एक दूसरे वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “कश्मीर में सक्रिय इन आतंकवादियों में से अधिकांश विदेशी क्षेत्रों से हैं और लश्कर से जुड़े हैं, और वे युद्ध में अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं.”

लश्कर की सह-स्थापना पाकिस्तान स्थित हाफ़िज़ मुहम्मद सईद द्वारा की गई थी, जिसे भारत ने 2019 में “व्यक्तिगत आतंकवादी” के रूप में सूचीबद्ध किया था.

(संपादन: अलमिना खातून)
(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: सरकार ने चीन पर नजर रखते हुए कैसे 2023 में बॉर्डर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर जोर दिया


 

share & View comments