नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय में एक हलफनामा दाखिल कर आय से अधिक संपत्ति मामले में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों – मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव को क्लीन चिट दे दी.
सीबीआई ने शीर्ष अदालत को बताया कि समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव, उनके बेटों- पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और प्रतीक यादव, पुत्रवधु और सांसद डिंपल यादव के खिलाफ कथित आय से अधिक संपत्ति की जांच, कोई सबूत नहीं मिलने के बाद 2013 में बंद हो चुकी थी.
सीबीआई ने ताजा हलफनामे में कहा, ‘ जांच के दौरान पहली नजर में कोई सबूत नहीं मिला और जांच प्राथमिकी में नहीं बदली जा सकी.’ सीबीआई ने कहा कि उसने 2013 में केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को रिपोर्ट सौंपने के बाद जांच बंद कर दी थी. सीबीआई ने अदालत को बताया कि अगस्त 2013 के बाद से मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के खिलाफ कोई जांच नहीं की गई.
इससे पहले सपा नेता मुलायम सिंह यादव ने सर्वोच्च न्यायालय को अपने एक जवाब में दाखिल कर कहा था कि उनके खिलाफ दायर याचिका राजनीति से प्रेरित है. मुलायम सिंह ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि लोकसभा चुनाव होने के दौरान इस मुद्दे को जानबूझकर उठाया गया था.
मुलायम सिंह ने यादव ने यह भी कहा था कि याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कई बातें छुपाई है. उन्होंने कहा था कि आयकर विभाग ने उनकी और उनके परिवार की संपत्ति की जांच की थी, लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला. ऐसे उनके और उनके परिवार के खिलाफ दायर याचिका खारिज की जानी चाहिए.