नई दिल्ली: वकील अमित साहनी ने दिल्ली सरकार के स्थायी वकील को अभिवेदन देकर सीबीआई के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) राघवेंद्र वत्स के खिलाफ आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी है.
वत्स ने एक लोक अभियोजक (पब्लिक प्रॉसिक्यूटर) के चेहरे पर कथित रूप से घूंसा मारा था.
साहनी ने दिल्ली सरकार के स्थायी वकील (आपराधिक) राहुल मेहरा को भेजे अभिवेदन में वत्स के खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी है. वत्स यहां सीबीआई मुख्यालय में तैनात आईपीएस अधिकारी हैं. साहनी ने न्याय प्रदान करने में कथित रूप से जानबूझ कर बाधा पैदा करने के लिए डीआईजी के खिलाफ कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी है.
यह मामला उस समय सामने आया था, जब लोक अभियोजक सुनील कुमार वर्मा ने एक निचली अदालत में सुनवाई के दौरान बताया था कि उन्होंने उनके (वर्मा के) चेहरे पर घूंसा मारने को लेकर वत्स के खिलाफ पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है. डीआईजी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के निजी सचिव राजेंद्र कुमार से संबंधित एक मामले में आरोप तय करने में देरी को लेकर वर्मा के चेहरे पर कथित रूप से घूंसा मारा था.
सीबीआई ने अपने लोक अभियोजक के इस आरोप को लेकर एक तथ्यान्वेषी जांच शुरू की है और निचली अदालत ने डीआईजी को तलब किया है.
साहनी ने 28 अक्टूबर को दिए अभिवेदन में कहा, ‘यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि राजनीतिक बाध्यताएं किसी सीबीआई अधिकारी को नयी दिल्ली में सीबीआई की विशेष अदालत के सामने लंबित आरोपों को तय करने में तेजी लाने के लिए मुख्य एजेंसी के वकील/लोक अभियोजक को पीटने/उसका गला दबाने की अनुमति नहीं देती हैं.’
वकील ने कहा कि वह ‘दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन’ और ‘सु्प्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन’ का जिम्मेदार सदस्य होने के नाते आईपीएस अधिकारी के खिलाफ अपराधिक अवमानना की कार्यवाही शुरू करना चाहते हैं.
साहनी ने ‘बार काउंसिल ऑफ इंडिया’ (बीसीआई) को भी पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह सीबीआई के लोक अभियोजक पर कथित शारीरिक हमले की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संबंध में उचित कार्रवाई करे.
एजेंसी ने कुमार के खिलाफ करीब चार वर्ष पहले एक आरोप पत्र दाखिल किया था.
इससे पहले, सूत्रों ने बताया था कि डीआईजी वत्स ने आठ अक्टूबर को वर्मा के खिलाफ अपने वरिष्ठों को एक आधिकारिक शिकायत दी थी, जिसमें उन्होंने उन पर दुर्व्यवहार करने, कार्य के प्रति उदासीन रवैया अपनाने, कार्यालय से अनुपस्थिति आदि के आरोप लगाये थे.
सूत्रों ने दावा किया था कि अगले दिन वर्मा डीआईजी के कार्यालय आये, जहां उन्होंने वत्स के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार किया और उन्हें वहां मौजूद अन्य अधिकारी वहां से ले गए.