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Saturday, 23 November, 2024
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कुलदीप सेंगर मामले में CBI ने तीन महिला अधिकारियों को दोषी माना, विभागीय कार्रवाई की सिफारिश

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में सीबीआई ने उन्नाव की तत्कालीन डीएम रहीं अदिति सिंह और दो आईपीएस अधिकारी नेहा पांडेय और पुष्पांजलि सिंह को लापरवाही बरतने का दोषी पाया है.

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लखनऊ: उन्नाव के चर्चित माखी रेप कांड में सीबीआई ने तत्कालीन डीएम, एसपी और एसपी को लापरवाही का दोषी मानते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है.

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को लिखे पत्र में सीबीआई ने उन्नाव की तत्कालीन डीएम रहीं अदिति सिंह और दो आईपीएस अधिकारी नेहा पांडेय और पुष्पांजलि सिंह को लापरवाही बरतने का दोषी पाया है.

बता दें कि सीबीआई इसी मामले में उन्नाव की बांगरमऊ सीट से विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहरा चुकी है. सेंगर को आजीवन कारावास की सजा दी गई है.

तत्कालीन उन्नाव डीएम अदिति सिंह फिलहाल हापुड़ की डीएम हैं. 2009 बैच की आईएएस अदिति 24 जनवरी 2017 से 26 अक्टूबर 2017 तक उन्नाव में डीएम रहीं. इसी दौरान माखी गांव की एक युवती ने कुलदीप सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था.

2006 बैच की आईपीएस अधिकारी पुष्पांजलि सिंह 27 अक्टूबर 2017 से 30 अप्रैल 2018 तक उन्नाव में एसपी रहीं. इसके अलावा 2009 बैच की आईपीएस अधिकारी नेहा पांडेय 2 फरवरी 2016 से 26 अक्टूबर 2017 तक उन्नाव की एसपी रहीं थीं. वर्तमान में वो आईबी में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं.

कुलदीप सेंगर और उसके साथियों ने 2017 में नाबालिग लड़की को अगवा कर सामूहिक दुष्कर्म किया था जिसके बाद पीड़िता के पिता की भी हत्या कर दी गई थी. इस बीच पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के सामने आत्मदाह करने की कोशिश की तो मामला देश भर में चर्चा में आया जिसके बाद सीबीआई जांच की मांग उठी तो 12 अप्रैल 2018 को केंद्र सरकार ने यूपी सरकार की सिफारिश मंजूर करते हुए सीबीआई जांच को मंजूरी दे दी. सीबीआई ने उसी दिन कुलदीप सेंगर को हिरासत में ले लिया था.

वहीं यूपी कांग्रेस चीफ अजय कुमार लल्लू ने इस मामले में बयान जारी कर कहा है कि उनकी पार्टी शुरू से कहती आ रही है कि इस पूरे मामले में बड़े-बड़े ओहदेदार शामिल हैं.

उन्होंने कहा, ‘सीबीआई ने तीन अधिकारियों तत्कालीन डीएम अदिति सिंह, एसपी नेहा पांडेय, पुष्पांजलि के खिलाफ कार्यवाही की सिफारिश की है. इन पर कार्यवाई होनी चाहिए. यह शुरुआत है, अभी कुलदीप सिंह सेंगर के राजनीतिक संरक्षण देने वाले भी बेनकाब होने चाहिए ताकि दुनिया को सच्चाई का पता चले कि बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले किस तरह से एक बलात्कारी के पैरोकारी में लगे हुए थे’.


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