नई दिल्ली, 11 मार्च (भाषा) केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राजस्थान के सरिस्का में बाघ और एक तेंदुए के शिकार के मामले में लगभग 14 साल से फरार चल रहे एक कथित शिकारी को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि बाघ का शिकार वर्ष 2005 में किया गया, जबकि वर्ष 2003 में तेंदुए को मारा गया।
अधिकारी ने कहा कि सीबीआई भगोड़े बाल्या बावरिया की वर्ष 2008 से तलाश कर रही थी और उसे दबोच लिया। अधिकारियों ने बताया कि उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। बावरिया के कथित साथी को वर्ष 2019 में गिरफ्तार किया गया था और दोषी ठहराया गया था।
वर्ष 2005 में इस मामले को सीबीआई ने अपने हाथ में लिया था। सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी ने कहा, ‘‘पहला मामला इस शिकायत पर दर्ज किया गया कि वर्ष 2004 में आरोपी ने सरिस्का में ‘काला कुंड’ के पास काली घाटी के जंगल में बंदूक और लोहे के जाल का उपयोग करके एक बाघिन की जान ली थी।’’
उन्होंने कहा कि बाघिन की खाल 50,000 रुपये में बेची गई। प्रवक्ता के मुताबिक दूसरा मामला इस आरोप पर दर्ज किया गया था कि आरोपी ने वर्ष 2003 में ‘काली का ढाबा’ बीघौटा जंगल, अलवर में एक नर तेंदुए को मार डाला और उसकी चमड़ी को 1,800 रुपये में बेचा था।
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