नयी दिल्ली, 11 फरवरी (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स के प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक रवि शेखर सिन्हा को 1.80 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है और उनके विभिन्न परिसरों की तलाशी के दौरान 1.22 करोड़ रुपये नकद बरामद किए हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी ।
अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में सिन्हा के अलावा पांच अन्य को भी गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने बताया कि जाल बिछा कर चलाये गये अभियान में हुयी इस गिरफ्तारी के बाद ब्यूरो ने दिल्ली, पंचकूला, चंडीगढ़, वाराणसी और पश्चिम बंगाल के चितरंजन समेत चितरंजन लोकोमोटिव वर्क्स के अधिकारी के 17 स्थानों पर छापेमारी की ।
उन्होंने बताया, ‘‘लगभग 1.22 करोड़ रुपये की नकद राशि, लगभग 500 ग्राम सोना और दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद, पटना और रांची में स्थित संपत्तियों के बारे में दस्तावेज प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक (सीएमएम) के परिसरों से बरामद किए गए ।’’
जांच एजेंसी के प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया, ‘‘अन्य आरोपियों के परिसरों से करीब 32 लाख रुपये नकद और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं ।’’
एजेंसी को जानकारी मिली थी कि चंडीगढ़ स्थित ई सी ब्लेड्स एंड टूल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों – सोनू अरोड़ा और राजन गुप्ता – ने रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर कथित रूप से ठेका देने के बदले में अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिए साजिश कर रहे हैं और अवैध रूप से बिलों का भुगतान कर रहे हैं।
इसके बाद सीबीआई ने सिन्हा, अरोड़ा, गुप्ता और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
जोशी ने बताया, ‘‘आरोपियों ने कथित तौर पर अपनी कंपनी के लिए अनुचित लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से प्रधान सीएमएम सहित वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों के साथ बातचीत करने के लिए कंपनी के प्रतिनिधि के तौर पर एक अन्य कंपनी के एक व्यक्ति को नियुक्त किया।’’
आरोप है कि निदेशकों ने सिन्हा को पहले दिए गए ठेके की ऑर्डर राशि बढ़ाने के लिए राजी किया था।
जोशी ने कहा, ‘‘यह भी आरोप लगाया गया कि लोक सेवक ने आपूर्ति आदेश में मात्रा बढ़ा दी और उक्त प्रतिनिधि के माध्यम से रिश्वत की मांग की।’’
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की टीम चितरंजन में इंतजार कर रही थी, जहां सिन्हा को रिश्वत की राशि पहुंचाई जानी थी और उन्हें 1.80 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया।
प्रवक्ता ने बताया, ‘‘अन्य सभी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। निजी कंपनी के दोनों गिरफ्तार निदेशकों को सीबीआई के विशेष न्यायाधीश के समक्ष पेश किया गया और उन्हें तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।’’
जोशी ने बताया कि अन्य आरोपियों को सक्षम अदालतों में पेश किया गया और उन्हें चंडीगढ़ की सक्षम अदालत में आगे पेश करने के लिए ट्रांजिट रिमांड दिया गया है ।
भाषा रंजन रंजन दिलीप
दिलीप
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