नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) ‘डिजिटल अरेस्ट’ गतिविधियों के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 39 ‘पॉइंट-ऑफ-सेल्स’ (पीओएस) ऑपरेटरों पर मामला दर्ज किया है, जिन्होंने भोले-भाले व्यक्तियों को अपने जाल में फंसाने के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से संचालित साइबर अपराधियों को 1,100 ‘‘फर्जी सिम कार्ड’’ बेचे थे। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
ये पीओएस ऑपरेटर गृह मंत्रालय के अधीन देश की साइबर अपराध रोधी इकाई – आई4सी – की जांच के दायरे में आ गए थे, जो दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में सक्रिय भारतीय दूरसंचार ऑपरेटरों के सिम कार्डों पर नजर रख रही थी और जहां से साइबर अपराधी कथित रूप से गतिविधियां कर रहे थे।
अधिकारियों ने बताया कि 1,930 पीओएस द्वारा जारी किए गए 64,000 से अधिक सिम कार्ड ने मानदंडों को पूरा किया। वहीं, और विश्लेषण के बाद संदेह के दायरे में आने वाले पीओएस की संख्या घटकर 84 रह गई।
उन्होंने बताया कि आगे के विश्लेषण के दौरान यह सामने आया कि 39 पीओएस वर्तमान में सक्रिय थे और कथित तौर पर ‘‘घोस्ट सिम कार्ड’’ बनाने में लगे हुए थे, जिन्हें भोले-भाले भारतीयों को निशाना बनाने के लिए दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से काम करने वाले साइबर अपराधियों को बेचा जाता था।
सीबीआई जांच में पता चला कि ई-केवाईसी के आधार पर सिम कार्ड जारी किए जाते हैं। जब कोई ग्राहक सिम मांगता है, तो पॉइंट-ऑफ-सेल व्यक्ति ई-केवाईसी करवाकर सिम जारी कर देता है। कथित साइबर ठग ग्राहकों से झूठ बोलते थे कि उनका ई-केवाईसी खत्म हो गया है और उन्हें दोबारा प्रयास करना चाहिए।
चूंकि ये भारतीय नंबर थे, लेकिन दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों से संचालित हो रहे थे, इसलिए कॉल प्राप्त करने वाले ‘डिजिटल अरेस्ट’ पीड़ित को यह आभास हुआ कि यह भारत के भीतर से आने वाली एक स्थानीय कॉल थी।
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई को संदेह है कि दूरसंचार ऑपरेटरों के अधिकारियों ने इन फर्जी सिम कार्डों को सक्रिय करने में भूमिका निभाई होगी, और एजेंसी आपराधिक साजिश को उजागर करने के लिए अपनी छानबीन के दौरान मामले की जांच करेगी।
एजेंसी ने अब तक इस गिरोह से जुड़े पांच से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है और पिछले सप्ताह पूरे भारत में व्यापक तलाशी अभियान चलाया।
उन्होंने बताया कि यह तलाशी अभियान ‘ऑपरेशन चक्र पांच’ के तहत चलाया गया, जिसका उद्देश्य साइबर अपराधों और ‘डिजिटल अरेस्ट’ से संबंधित धोखाधड़ी पर अंकुश लगाना है।
सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया कि असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु में दूरसंचार ऑपरेटरों के विभिन्न पॉइंट-ऑफ-सेल एजेंटों के परिसरों पर छापेमारी की गई।
भाषा सुभाष दिलीप
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