scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशसीबीडीटी ने आयकर नियमों में किया बदलाव, यात्रा भत्ते पर आयकर से छूट का दावा कर सकते हैं कर्मचारी

सीबीडीटी ने आयकर नियमों में किया बदलाव, यात्रा भत्ते पर आयकर से छूट का दावा कर सकते हैं कर्मचारी

सीबीडीटी द्वारा किये गये संशोधन के बाद अब कर्मचारी कुछ चुनिंदा मामलों में आयकर से छूट का दावा कर सकते हैं.

Text Size:

नई दिल्ली : सरकार ने नयी कर व्यवस्था के तहत कर्मचारियों को नियोक्ताओं से प्राप्त यात्रा भत्ते पर आयकर से छूट का दावा करने की सुविधा दे दी है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इसके लिये आयकर नियमों में बदलाव किया है.

सीबीडीटी द्वारा किये गये संशोधन के बाद अब कर्मचारी कुछ चुनिंदा मामलों में आयकर से छूट का दावा कर सकते हैं. इन चुनिंदा मामलों में यात्रा या स्थानांतरण के मामले में आने-जाने के खर्च के लिये दिया गया भत्ता, यात्रा की अवधि के दौरान दिया गया कोई अन्य भत्ता, सामान्य कार्यस्थल से अनुपस्थिति की स्थिति में एक कर्मचारी को दैनिक खर्च पूरा करने के लिये दिया जाने वाला भत्ता आदि शामिल है.

इनके अलावा यदि नियोक्ता नि:शुल्क आने-जाने की सुविधा नहीं प्रदान कर रहे हों, तो रोजाना काम पर आने-जाने के खर्च के लिये दिये जाने वाले भत्ते पर भी आयकर से छूट का दावा किया जा सकता है.

सीबीडीटी ने यह भी स्पष्ट किया कि अनुलाभ के मूल्य का निर्धारण करते समय नियोक्ता द्वारा प्रदत्त वाउचर (पेड) के माध्यम से मुफ्त भोजन और गैर-मादक पेय के संबंध में कोई छूट नहीं मिलेगी.

इसके अलावा, नेत्रहीन, मूक, बधिर अथवा हड्डियों से दिव्यांग कर्मचारी 3,200 रुपये प्रति माह के परिवहन भत्ते में छूट का दावा कर सकते हैं.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के बजट में लोगों को आयकर की एक वैकल्पिक दर की पेशकश करते हुए नयी कर आयकर व्यवस्था का प्रस्ताव किया था. इसके तहत 2.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कर से छूट मिलती है.

जो व्यक्ति 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक कमाते हैं, उन्हें पांच प्रतिशत की दर से आयकर का भुगतान करना होगा. इसी तरह, पांच से 7.5 लाख रुपये के बीच की आय पर 10 प्रतिशत, 7.5 से 10 लाख रुपये के बीच की आय पर 15 प्रतिशत, 10 से 12.5 लाख रुपये सालाना कमाने वालों पर 20 प्रतिशत, 12.5 रुपये से 15 लाख रुपये की सालाना कमाई पर 25 प्रतिशत तथा 15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत कर का प्रावधान है.

नयी कर व्यवस्था उन व्यक्तियों के लिये है, जो कुछ निर्दिष्ट कटौती या छूट का लाभ नहीं उठा रहे हैं.

नांगिया एंड कंपनी एलएलपी के पार्टनर शैलेष कुमार ने कहा, ‘इस अधिसूचना में यह भी माना गया है कि दिव्यांग लोगों के कार्यस्थल आने-जाने की सुविधा मुहैया कराना नियोक्ताओं की जिम्मेदारी है. इसी कारण इस मद को नयी व्यवस्था में भी छूट दी गयी है.’

share & View comments