हापुड़ (उप्र), छह सितंबर (भाषा) उत्तर प्रदेश के हापुड़ में अधिवक्ताओं पर कथित लाठीचार्ज के मामले में बुधवार को नगर कोतवाली में पुलिस क्षेत्राधिकारी (नगर) सहित 51 पुलिसकर्मियों के खिलाफ नामजद जबकि करीब 90 अज्ञात कर्मियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
यह घटनाक्रम हापुड़ जिले में अधिवक्ताओं के खिलाफ कथित पुलिस कार्रवाई के विरोध में पूरे उत्तर प्रदेश के वकीलों द्वारा सोमवार से तीन दिवसीय हड़ताल पर जाने के बाद आया है।
पुलिस ने 29 अगस्त को कथित तौर पर वकीलों पर लाठीचार्ज किया था जब वे एक महिला वकील और उसके पिता के खिलाफ लगभग एक सप्ताह पहले मामला दर्ज करने का विरोध कर रहे थे।
हापुड़ बार एसोसिएशन ने अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखते हुए आगामी 9 सितंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के बहिष्कार की घोषणा की है। अपर पुलिस अधीक्षक मुकेश मिश्रा ने बताया कि एक अधिवक्ता की तहरीर पर पुलिस क्षेत्राधिकारी हापुड़, समेत 51 पुलिसकर्मियों के खिलाफ नामजद तथा करीब 90 अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
उन्होंने बताया कि इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 147, 323, 504, 506, 308, 354, 392 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बुधवार को धरना स्थल पर पहुंचकर राजनीतिक दलों व सामाजिक संगठनों ने समर्थन दिया।
हापुड़ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एनुलहक ने बताया कि वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर राणा की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि गत 29 अगस्त को अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज करने के मामले में बार के वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर राणा ने पुलिस क्षेत्राधिकारी (नगर), छह इंस्पेक्टर सहित 51 पुलिसकर्मियों व 20-30 सिविल ड्रेस व 50-60 अज्ञात पुलिस कर्मियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में नगर कोतवाली में मामला दर्ज कराया है।
उन्होंने बताया कि आगामी नौ सितंबर को आयोजित होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार करने की भी घोषणा की गयी है।
धरने का संचालन करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल आजाद ने कहा कि पुलिस ने अधिवक्ताओं पर कायरतापूर्ण हमला किया है जिसकी राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों व किसान संघों ने कड़े शब्दों में निंदा भी की है। हापुड बार एसोसिएशन के सचिव नरेंद्र शर्मा ने कहा कि चंद्र शेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी ने आंदोलनरत वकीलों को समर्थन दिया है।
शर्मा ने कहा कि उन्होंने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को समर्थन पत्र दिया है। गौरतलब है कि पुलिस ने गत 29 अगस्त को हापुड़ जिले में कथित तौर पर वकीलों पर लाठीचार्ज किया था। यह घटना उस वक्त हुई थी, जब वकील एक महिला अधिवक्ता और उसके पिता के खिलाफ लगभग एक सप्ताह पहले मामला दर्ज किए जाने का विरोध कर रहे थे। अगले दिन 30 अगस्त को पुलिस ने विरोध-प्रदर्शन को लेकर हापुड़ की नगर कोतवाली में 17 वकीलों और 250 से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
राज्य सरकार ने हापुड़ घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। इसमें मेरठ के मंडलायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक और उप महानिरीक्षक शामिल हैं। हालांकि, बार काउंसिल ने एसआईटी में उच्चतम न्यायालय या उच्च न्यायालय के किसी सेवानिवृत्त न्यायाधीश को शामिल करने की मांग की थी। भाषा सं जफर अमित
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