कोच्चि, छह अप्रैल (भाषा) यहां एक निजी विपणन कंपनी में खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को प्रताड़ित किये जाने के आरोपों से उपजे विवाद में अचानक तब नया मोड़ आ गया जब पुलिस ने रविवार को कंपनी के उस पूर्व कर्मचारी के खिलाफ मामला दर्ज किया जिसने मूल रूप से ये आरोप लगाए थे।
पेरुंबवूर में रहने वाली एक महिला की शिकायत के बाद कोझिकोड निवासी मनाफ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
पुलिस ने कहा कि शिकायतकर्ता ने दावा किया कि व्यापक रूप से प्रसारित वीडियो मनाफ के दबाव में बनाया गया था जिसमें कर्मचारियों को कुत्तों की तरह व्यवहार करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
पहले कंपनी में वरिष्ठ पद पर तैनात रहे मनाफ ने कथित तौर पर कर्मचारियों पर परेशान करने वाले कृत्य में भाग लेने के लिए दबाव डाला।
पेरुंबवूर थाने के एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इसके बाद मनाफ के खिलाफ एक महिला की गरिमा भंग करने के इरादे से उस पर हमला करने और आपराधिक बल का प्रयोग करने का मामला दर्ज किया गया है।
इस बीच, श्रम विभाग के सूत्रों ने बताया कि एर्नाकुलम जिला श्रम अधिकारी ने राज्य श्रम आयुक्त को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसमें कहा गया है कि वीडियो के आधार पर कार्यस्थल पर उत्पीड़न का मामला नहीं बनता है।
हालांकि, मनाफ ने एक टेलीविजन चैनल को बताया कि युवकों ने दबाव में आकर अपना बयान बदल दिया।
प्रसारित वीडियो में कथित तौर पर एक व्यक्ति को एक कर्मचारी को कुत्ते की तरह पट्टा पहनाकर उसे घुटनों के बल फर्श पर रेंगने के लिए मजबूर करते हुए दिखाया गया है। बाद में, कुछ कर्मचारियों ने एक टीवी चैनल को बताया कि जो लोग लक्ष्य हासिल करने में विफल रहते हैं, उन्हें कंपनी के प्रबंधन द्वारा इस तरह की सजा दी जाती है।
पुलिस के अनुसार, यह घटना कथित तौर पर कलूर में कार्यरत एक निजी विपणन कंपनी से जुड़ी है और यह अपराध कथित तौर पर निकटवर्ती पेरुम्बवूर में हुआ।
पुलिस ने संवाददाताओं को बताया कि उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली है और कंपनी के मालिक ने आरोपों से इनकार किया है।
राज्य मानवाधिकार आयोग ने भी उच्च न्यायालय के वकील कुलथूर जयसिंह द्वारा दायर शिकायत के आधार पर इस घटना में मामला दर्ज किया।
भाषा
संतोष नोमान
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