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सोमवार, 2 जून, 2025
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सहकर्मी पर हमला करने के आरोप में आयकर विभाग में संयुक्त आयुक्त के खिलाफ मामला दर्ज

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लखनऊ, 30 मई (भाषा) राजधानी लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने आयकर विभाग के संयुक्त आयुक्त योगेंद्र मिश्रा के खिलाफ कार्यालय में अपने सहकर्मी पर हमला करने के आरोप में मामला दर्ज किया है।

पुलिस सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि बृहस्पतिवार को हजरतगंज इलाके में स्थित आयकर कार्यालय में अपराह्न करीब तीन बजे हुई इस घटना में आयकर उपायुक्त गौरव गर्ग घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए सिविल अस्पताल ले जाया गया।

लखनऊ के पुलिस उपायुक्त (मध्य) आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि गर्ग की शिकायत के आधार पर शुक्रवार को लखनऊ के हजरतगंज थाने में योगेंद्र मिश्रा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 109(1) (हत्या का प्रयास), 121(2) (लोक सेवक को उसके कर्तव्य से विरत करने के लिए जानबूझकर चोट पहुंचाना या गंभीर चोट पहुंचाना), 221 (लोक सेवक के सार्वजनिक कार्यों के निर्वहन में बाधा डालना), 324(3) (शरारत), 352 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), 351(3) (आपराधिक धमकी) और सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम, 1984 के तहत मामला दर्ज किया गया।

श्रीवास्तव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘इस मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।’

इस बीच, आरोपी आयकर अधिकारी योगेंद्र मिश्रा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार पोस्ट करके सफाई दी है।

उन्होंने कहा, ‘मुझे (योगेंद्र मिश्रा, आईआरएस अधिकारी) अत्यधिक उत्पीड़न, चरित्र हनन और झूठी पुलिस शिकायतों के बारे में सार्वजनिक रूप से बोलने के लिए मजबूर होना पड़ा है। तथ्यों को जानना चाहिए। वर्ष 2022 से जब से मैंने कानपुर में गौरव गर्ग, आईआरएस का स्थान लिया है, मैंने उनके कार्यकाल के दौरान कर जांच में गंभीर खामियों की सूचना दी है। इससे उनकी दुश्मनी और मेरे खिलाफ लगातार प्रतिशोध की भावना पैदा हुई, जिसे अब पुलिस और मीडिया के माध्यम से हथियार बनाया जा रहा है।’

‘पीटीआई-भाषा’ ने इस संबंध में गर्ग से उनकी प्रतिक्रिया लेने की कोशिश की, लेकिन वह उपलब्ध नहीं थे।

मिश्रा ने यह भी कहा कि 29 मई को सीआईटी (एडमिन) के कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के सामने गौरव गर्ग ने उनके साथ गाली-गलौज की और मारपीट की। इसके बाद उन्होंने (गर्ग ने) पंजाबी भाषा में गालियां दीं और उन पर हमला किया।

उन्होंने कहा, ‘मैंने जवाबी कार्रवाई नहीं की और पूरी घटना सीसीटीवी में कैद हो गई है। कई वरिष्ठ अधिकारियों ने इसे देखा भी है। फिर भी मुझे हमलावर के रूप में पेश करने के लिए झूठा प्रचार किया जा रहा है। मेरा चरित्र हनन करने और मेरे द्वारा अनियमितताओं की शिकायत को दबाने के लिए फर्जी खबरों और सोशल मीडिया पोस्ट का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह मीडिया और पुलिस तंत्र का उपयोग करके किया जाने वाला उत्पीड़न है।’

मिश्रा ने कहा, ‘मैंने औपचारिक रूप से पुलिस आयुक्त लखनऊ के पास शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें सबूत के तौर पर सीसीटीवी फुटेज, गवाहों के बयान और रिकॉर्ड उपलब्ध कराए गए हैं। मैं अधिकारियों से आग्रह करता हूं कि मेरे खिलाफ किसी भी दुर्भावनापूर्ण या तुच्छ मुकदमे पर विचार करने से पहले निष्पक्ष और सबूतों पर आधारित जांच की जाए।’

भाषा सलीम नरेश दिलीप

दिलीप

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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