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बुधवार, 23 अप्रैल, 2025
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सीएक्यूएम ने दिल्ली के प्राधिकारियों से एक जुलाई से सभी ईओएल वाहनों को ईंधन न देने का निर्देश दिया

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नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली के प्राधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे एक जुलाई से उन सभी डीजल एवं पेट्रोल वाहनों को ईंधन न दें जिसके पंजीकरण के क्रमश: 10 वर्ष और 15 वर्ष पूरे हो चुके हैं।

आदेश के अनुसार, दिल्ली के सभी ईंधन केंद्रों को 30 जून तक स्वचालित नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) कैमरे लगाने होंगे। ये प्रणालियां 10 वर्ष (डीजल) या 15 वर्ष (पेट्रोल) से पुराने वाहनों का पता लगाएंगी और एक जुलाई से इन्हें ईंधन नहीं दिया जायेगा।

दिल्ली से सटे पांच उच्च वाहन घनत्व वाले जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर और सोनीपत में यही कार्य इस वर्ष एक नवंबर से शुरू होना चाहिए, तथा एएनपीआर कैमरे लगाने का कार्य 31 अक्टूबर तक पूरा किया जाना चाहिए।

शेष एनसीआर जिलों को कैमरे लगाने के लिए 31 मार्च, 2026 तक का समय दिया गया है, तथा ईओएल वाहनों को ईंधन देने से मनाही एक अप्रैल, 2026 से शुरू होगी।

सीएक्यूएम के आदेश में कहा गया है कि वाहन डाटाबेस से जुड़े ये कैमरे पुराने वाहनों या बिना वैध प्रदूषण प्रमाण पत्र वाले वाहनों की पहचान करेंगे।

आयोग ने कहा कि ईंधन केंद्रों को निर्दिष्ट तिथियों से ऐसे वाहनों में ईंधन भरने से मना कर देना चाहिए और प्राधिकारियों को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) नियमों के तहत तत्काल कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।

इसमें कहा गया है कि सड़कों पर इन वाहनों का पता लगाने और उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए यातायात निगरानी प्रणालियों और एकीकृत कमान नियंत्रण केंद्रों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

ऐसे डीजल और पेट्रोल वाहन जिनके पंजीकरण के क्रमश: 10 और 15 साल पूरे हो चुके हैं, उन्हें एंड-ऑफ-लाइफ (ईओएल) वाहन कहा जाता है।

भाषा

देवेंद्र सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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