नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को उम्मीद जताई कि आने वाले समय में किसानों को न्याय मिलेगा.
टिकैत ने कहा, ‘यूपी सरकार ने इस मामले पर जो तथ्य थे उसे सामने नहीं रखा था इसलिए आशीष मिश्रा को जमानत मिली थी.’
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा आशीष मिश्रा को दी गई जमानत रद्द करते हुए उसे एक हफ्ते के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा है.
वहीं एसबीएसपी के अध्यक्ष ओपी राजभर ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा, ‘मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं क्योंकि 8 लोगों की हत्या मामले में जमानत मिलना अन्याय है. किसानों को तभी न्याय मिलेगा जब दोषी को सजा मिलेगी.’
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘श्रीमान @narendramodi जी, सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को कुचलने वाले मंत्रीपुत्र की जमानत रद्द कर दी. इसी कोर्ट ने सीबीआई से जांच कराने का आदेश इसलिए नहीं दिया क्योंकि वह सीधे अपराधी के पिता के मातहत है. संवैधानिक नैतिकता की हिम्मत जुटाइए, अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त कीजिए.’
श्रीमान @narendramodi जी, सुप्रीम कोर्ट ने किसानों को कुचलने वाले मंत्रीपुत्र की जमानत रद्द कर दी। इसी कोर्ट ने सीबीआई से जांच कराने का आदेश इसलिए नहीं दिया क्योंकि वह सीधे अपराधी के पिता के मातहत है।
संवैधानिक नैतिकता की हिम्मत जुटाइए, अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त कीजिए।
— UP Congress (@INCUttarPradesh) April 18, 2022
शीर्ष अदालत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमन्ना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट द्वारा जमानत याचिका पर विचार करते समय पीड़ितों को नहीं सुना गया. वहीं नए सिरे से सुनवाई करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट भेज दिया.
बता दें कि पिछले साल तीन अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में आठ लोग मारे गए थे. यह हिंसा तब हुई थी जब किसान यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे.
उत्तर प्रदेश पुलिस की एफआईआर के अनुसार, एक वाहन जिसमें आशीष मिश्रा बैठा था, उसने चार किसानों को कुचल दिया था.
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