कोलकाता, 21 फरवरी (भाषा) कलकत्ता उच्च न्यायालय ने हल्दिया बंदरगार पर ट्रक चालकों से कथित रूप से जबरन धन वसूली किए जाने के मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराए जाने का सोमवार को आदेश दिया और कहा कि राज्य में अधिकतर कारोबारों पर ‘‘माफिया’’ की मजबूत पकड़ है।
अदालत ने सीबीआई को मामला सौंपे जाने संबंधी एक सह-आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य पुलिस की जांच पर रोक लगा दी। उसने याचिकाकर्ता राजीव पॉल की रिहाई का आदेश देते हुए शर्त लगाई कि वह हल्दिया से बाहर नहीं जाएगा।
न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने कहा, ‘‘सीबीआई मामले की डायरी और सभी सबूतों समेत मामले की पूरी सामग्री हल्दिया पुलिस से लेगी और जांच शुरू करेगी।’’
अदालत ने आगे की सुनवाई के वास्ते मामले को छह सप्ताह बाद के लिए सूचीबद्ध किया।
न्यायमूर्ति मंथा ने कहा कि प्राथमिकी में किए गए जिक्र के अनुसार यह घटना 2018 की है, लेकिन हल्दिया पुलिस थाने में जुलाई 2021 में प्राथमिकी दर्ज की गई। उन्होंने कहा कि इस देरी से जांच के मकसद पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
अदालत ने कहा, ‘‘राज्य में अधिकतर व्यवसायों पर माफिया की पकड़ है, चाहे वह निर्माण सामग्री का व्यापार हो या हल्दिया बंदरगाह पर अंदर और बाहर जाने वाले सामान की ढुलाई का हालिया मामला हो।’’
हल्दिया थाने में 12 जुलाई, 2021 को रंगदारी का मामला दर्ज किया गया था।
भाषा सिम्मी नेत्रपाल
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