scorecardresearch
Sunday, 21 December, 2025
होमदेशकैबिनेट मंत्री राकेश सचान को एक साल की सजा, जमानत मिली

कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को एक साल की सजा, जमानत मिली

Text Size:

कानपुर (उत्‍तर प्रदेश), आठ अगस्‍त (भाषा) उत्‍तर प्रदेश के कुटीर, लघु एवं मध्‍यम उद्योग मंत्री राकेश सचान को अवैध रूप से हथियार रखने के एक मामले में सोमवार को कानपुर की एक अदालत ने एक साल के कारावास और 1500 रुपये के जुर्माने की सजा सुनायी है।

अभियोजन अधिकारी ऋचा गुप्ता ने बताया कि कैबिनेट मंत्री सचान ने आज कानपुर के अपर मुख्‍य महानगर मजिस्‍ट्रेट-तृतीय की अदालत में अपराह्न करीब दो बजे आत्‍मसमर्पण कर दिया। अदालत में उनके साथ उनके वकीलों का एक पैनल भी पहुंचा।

उन्होंने बताया कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद अदालत ने सचान को एक साल के कारावास और 1500 रुपये जुर्माने की सजा सुनायी, हालांकि उन्‍हें जमानत भी मिल गयी।

उन्होंने बताया कि सचान को निजी मुचलके पर जमानत दे दी गई। उन्हें सत्र अदालत में अपील के लिए 15 दिन का समय दिया गया है।

इस बीच, सचान के वकील कपिलदीप सचान ने बताया, ‘‘हमें अदालत के आदेश की प्रति प्राप्त हो गई है। उसका अध्ययन किया जा रहा है और हम सत्र अदालत में जल्द ही अपील दाखिल करेंगे।’’

गौरतलब है कि वर्ष 1991 में पुलिस ने सचान के पास से अवैध रूप से रखा गया एक हथियार बरामद किया था। इस मामले में उनके खिलाफ शस्‍त्र अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। उस वक्त वह समाजवादी पार्टी में थे । सचान को अदालत ने गत शनिवार को दोषी ठहराया था। उसके बाद बचाव पक्ष को सजा पर बहस शुरू करने को कहा गया था, इस बीच सचान दोषी करार दिये जाने के अदालत के आदेश की फाइल लेकर अदालत से भाग गये थे।

हालांकि सचान ने अदालत से भागने के आरोप को गलत बताते हुए दावा किया कि उनका मुकदमा अंतिम निर्णय के लिए सूचीबद्ध नहीं था। बहरहाल इस मामले में उनके खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए शहर कोतवाली में शिकायत दी गई है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सचान जमानत के कागजात तैयार कराए बगैर अदालत से भाग गए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का फैसला लंबे समय तक चली एक बैठक के बाद लिया गया, न्यायिक अधिकारियों का मानना था कि सचान के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होने से अदालत के पीठासीन अधिकारी मुश्किल में पड़ सकते हैं।

प्रदेश के मौजूदा कैबिनेट मंत्री सचान ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत समाजवादी पार्टी के साथ की थी और वह वर्ष 1993 और 2002 में कानपुर की घाटमपुर सीट से विधायक चुने गए थे। उसके बाद वर्ष 2009 में वह फतेहपुर सीट से सांसद भी बने थे। सचान इस साल के शुरू में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।

भाषा सं सलीम

रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments