बेंगलुरु, पांच अगस्त (भाषा) कर्नाटक में राज्य सरकार के स्वामित्व वाले परिवहन निगमों के कर्मचारियों ने मंगलवार सुबह अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी, जिससे पू्रे राज्य में सार्वजनिक बस सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
कर्नाटक उच्च न्यायालय और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कर्मचारी संघों से अपना प्रदर्शन वापस लेने की अपील की है, लेकिन वे इस बात पर अड़े हैं कि उन्हें 38 महीने का बकाया भुगतान किया जाए और एक जनवरी, 2024 से वेतन वृद्धि लागू की जाए।
बसें डिपो पर खड़ी रहीं। हालांकि कुछ कर्मचारियों ने हड़ताल में शामिल न होने का फैसला किया है इसलिए कुछ बस सड़कों पर नजर आईं।
परिवहन विभाग के सूत्रों ने बताया कि कुछ चालकों ने फैसला किया कि वे विद्यार्थियों को स्कूल पहुंचाएंगे, इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ बस का संचालन हो रहा है।
बताया जा रहा है कि परिवहन निगमों ने स्थिति को संभालने के लिए प्रशिक्षु बस चालकों की सेवाएं ली हैं।
राज्य के बेंगलुरु, चिक्कमगलुरु, रायचूर, चित्रदुर्ग, हुबली, धारवाड़, बेलगावी, मंगलुरु, मैसूरु, तुमकुरु, हासन, मदिकेरी, शिवमोगा और कलबुर्गी जैसे प्रमुख शहरों में बस अड्डों पर यात्रियों की भारी भीड़ नजर आई। हजारों लोग रास्ते में फंसे हुए थे। उन्हें अपने गंतव्यों तक पहुंचने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सीमित संख्या में बसों का संचालन होने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है।
परिवहन निगमों के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण निजी बस संचालक और कैब चालक कथित तौर पर अत्यधिक किराया वसूल रहे हैं। कुछ यात्रियों ने शिकायत की कि बेंगलुरु में ऑटोरिक्शा चालक बहुत अधिक किराया मांग रहे हैं।
मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी और कर्मचारी संघ के प्रतिनिधियों के बीच सोमवार को हुई अंतिम दौर की बैठक में कोई निर्णायक नतीजा न निकल पाने पर कर्मचारियों ने हड़ताल करने का फैसला किया।
भाषा प्रीति सिम्मी
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