शिलांग, दो अप्रैल (भाषा) मेघालय के विवादित जयंतिया हिल्स क्षेत्र के कम से कम 26 गांवों के लोगों ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर उन्हें पड़ोसी राज्य असम का हिस्सा बनाए जाने की संभावना पर चिंता व्यक्त की है।
लामारंग गांव में लाबांग नोंगफिलुत पंगम रालियांग एरिया कमेटी (एलएनपीआरएसी) नामक संगठन द्वारा शुक्रवार को आयोजित एक बैठक में 26 गांवों के लोगों ने मेघालय में रहने का संकल्प लिया।
जयंतिया हिल्स जिले के ब्लॉक-1 और री-भोई जिले में ब्लॉक-2 असम तथा मेघालय के बीच अधिक ‘जटिल’ मतभेदों वाले छह क्षेत्रों का हिस्सा हैं, जिन्हें सीमा वार्ता के दूसरे दौर के दौरान हल किया जाएगा। अन्य चार क्षेत्र लंगपीह, बोरदुआर, नोंगवाह-मवतमुर और सियार-खंडुली हैं।
एलएनपीआरएसी के सलाहकार इरविन सुतंगा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘क्षेत्र के कम से कम 26 गांवों के लोग मुझसे मिले हैं। उन्होंने राज्य के अधिकार क्षेत्र में रहने की इच्छा के संबंध में मेघालय सरकार को पत्र लिखा है।” उन्होंने कहा कि अन्य 10 गांव भी जल्द ही इस मुद्दे पर अपना संकल्प प्रस्तुत करेंगे।
सुतंगा के अनुसार, ब्लॉक-1 और ब्लॉक-2 के अंतर्गत आने वाले गांव मूल रूप से यूनाइटेड खासी-जयंतिया हिल्स जिले के अंतर्गत थे और भूमि स्वामित्व एवं जनजातीय प्रमुखों (साइम्स) के अधिकार क्षेत्र का पालन करते थे।
हालाँकि, उन्होंने कहा कि अप्रैल 1951 में असम के तत्कालीन राज्यपाल द्वारा एक और जिला तत्कालीन मिकिर हिल्स (अब कार्बी आंगलोंग जिला) बनाने की अधिसूचना जारी किए जाने के परिणामस्वरूप इनमें से कुछ गाँव तत्कालीन नए जिले का हिस्सा बन गए।
सुतंगा ने कहा, ‘गांवों के हस्तांतरण पर कई आपत्तियां अनसुनी रह गईं और आज तक अनसुलझी हैं।’
अधिकारियों ने बताया कि इस बीच, असम-मेघालय सीमा पर विवादित ब्लॉक-2 क्षेत्र के जाटोंग गांव में अज्ञात शरारती तत्वों के हमले में कम से कम दो लोग घायल हो गए।
उन्होंने कहा कि यह घटना शुक्रवार शाम को हुई और हमले के बाद मेघालय तथा असम दोनों राज्यों के पुलिसकर्मी वहां जमा हुई भीड़ को तितर-बितर करने के लिए घटनास्थल पर पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि इलाके में कुछ समय से तनाव बना हुआ है।
जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘आज री-भोई जिले के नोंगपोह जिला मुख्यालय के एक मजिस्ट्रेट को भी स्थिति पर नजर रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।’
भाषा नेत्रपाल दिलीप
दिलीप
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