लखनऊ: 16 और 14 साल की दो चचेरी बहनों के शव बुधवार को उत्तर प्रदेश के बरौली गांव में एक पेड़ से लटके हुए पाए गए, उनके साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया और चुप रहने की धमकी दी गई थी. मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
लड़कियों के परिवार का दावा है कि आरोपियों ने पहले भी उनका यौन उत्पीड़न किया था.
परिवार को कानपुर के घाटमपुर क्षेत्र के गांव में लगभग आधी रात को नाबालिगों के शव बेर के पेड़ से दुपट्टे से बने फंदों से लटके हुए मिले. इस घटना की तुलना 2014 के बदायूं और 2022 के लखीमपुर खीरी गैंगरेप से की गई है. हालांकि, इस मामले में अभी तक कोई जातिगत एंगल स्थापित नहीं हुआ है.
पुलिस ने कहा कि आरोपियों में से एक, रज्जो, श्रम ठेकेदार रामरूप का बेटा है, जो हमीरपुर के खैर का डेरा गांव का रहने वाला है और लड़कियों के परिवार को अपने गांव से बरौली में एक ईंट भट्टे पर काम करने के लिए लाया था. दूसरा आरोपी रज्जो का चचेरा भाई संजय है. एफआईआर में रामरूप का भी नाम है, लड़कियों के परिवार ने दावा किया कि उसने उन्हें चुप कराने की धमकी देने की कोशिश की.
परिवार ने कहा कि उन्होंने 16-वर्षीया पीड़िता की कथित आपत्तिजनक तस्वीरों और वीडियो के लिए रज्जो से सोमवार को पूछताछ की थी. एक दिन बाद, रज्जो और संजय कथित तौर पर लड़कियों के पिता और भाई की अनुपस्थिति में उनके घर में घुस गए और उनका बलात्कार किया. उन्होंने कथित तौर पर लड़कियों की पिटाई भी की और उन्हें इस बारे में मुंह बंद रखने की धमकी दी.
कानपुर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि तस्वीरों और वीडियो को लेकर उनके परिवार द्वारा डांटे जाने के बाद लड़कियों को काफी सदमा लगा था. एक दिन बाद हुए सामूहिक बलात्कार ने कथित तौर पर उन्हें अपनी जान लेने के लिए मजबूर कर दिया.
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‘यौन उत्पीड़न पहले शुरू हुआ’
लड़कियों का परिवार कच्ची ईंटों से बने घरों के समूह में एक कच्चे घर में रहता है. इस झुरमुट से कुछ मीटर की दूरी पर रामरूप और रज्जो का मकान है.
16-वर्षीया लड़की अपने माता-पिता की पांच संतानों में से दूसरी है, जबकि 14 वर्षीया उसकी चचेरी बहन है. दोनों लड़कियों के पिता और एक चाचा ईंट भट्ठे पर काम करते हैं.
16-वर्षीया का बड़ा भाई, जो एक स्थानीय दुकान में काम करता है, ने दिप्रिंट को बताया कि उसके चाचा, जो ईंट भट्ठे पर काम करते हैं, को सोमवार को पता चला कि रज्जो के पास उनकी बहन की आपत्तिजनक तस्वीरें और वीडियो हैं.
उन्होंने कहा, “मैंने उसका (रज्जो) विरोध किया और उससे अपना फोन मुझे देने के लिए कहा, लेकिन उसने इनकार कर दिया. कुछ देर बाद उसने फोन अपने चाचा को दे दिया, जिन्होंने वीडियो और फोटो डिलीट कर दिए और फोन मुझे दे दिया. मैंने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने मुझे बेवकूफ समझा और उनसे झगड़ा किया.”
भाई ने बताया कि अगले दिन, जब वो और उसके पिता बाहर थे तो रज्जो और उसका चचेरा भाई संजय उनके कच्चे घर में घुस गए और लड़कियों का बलात्कार कर दिया.
भाई ने कहा, “रज्जो कुछ समय से मेरी बहन का यौन उत्पीड़न कर रहा था. हम इससे अनजान थे, लेकिन मेरी छोटी बहन ने बाद में हमें इसके बारे में बता दिया था. मेरे पिता फसल कटाई के लिए (मंगलवार को) हमीरपुर में थे. मैं दुकान पर था. मेरी दो छोटी बहनें और उनका चचेरा भाई घर पर अकेले थे.”
उन्होंने कहा, “रज्जो और संजय हमारे घर आए और मेरी बहनों को पैसों का लालच दिया. उन्हें शराब पीने और बीड़ी पीने के लिए मजबूर किया. इसके बाद उन्होंने लड़कियों काबलात्कार किया, जिसे उन्होंने रिकॉर्ड कर लिया.”
उन्होंने कहा कि उनकी छोटी बहन ने यह घटना देखी.
उन्होंने कहा, “लड़कियों ने अपनी आपबीती हमारी चाची को बताई, जो हमारे घर के पास रहती हैं. जब वे मंगलवार को रामरूप से भिड़ी, तो उसने मेरी चाची के साथ भी मारपीट कर दी.”
लड़कियों के दादा ने गुरुवार को मीडिया को बताया कि रज्जो और संजय कई दिनों से लड़कियों को परेशान कर रहे थे.
दादा ने कहा, “वे लड़कियों को ले जाते थे, उन्हें बीड़ी पिलाते थे, शराब पिलाते थे और उन्हें परेशान करते थे. रामरूप ने हमें शिकायत न करने के लिए 5 लाख रुपये देने की कोशिश की थी. वो एक ठेकेदार है और उसके पास बहुत पैसा है.”
भाई ने कहा कि लड़कियों के परिवार और श्रमिक ठेकेदार के परिवार के बीच टकराव की खबर ईंट भट्ठा मालिक तक पहुंची, जो चुप रहे क्योंकि रामरूप ने मजदूरों को साइट पर काम करने से रोकने की धमकी दी थी.
परिवार ने कहा कि ईंट भट्ठा मजदूरों के बीच फैल रही इस खबर से लड़कियों को और अधिक सदमा पहुंचा और उन्होंने अपनी ज़िंदगी खत्म करने का फैसला किया.
भाई ने कहा, “बुधवार की रात मेरी बहन ने मेरे और मेरे पिता के लिए खाना बनाया. उसने हमें प्यार से खाना परोसा और हमें कहा कि वो और हमारा चचेरा भाई शौच के लिए खेतों में जा रहे हैं. हालांकि, जब वे रात 8 बजे तक नहीं लौटे, तो हमें चिंता हुई और उनकी तलाश शुरू हुई. मेरे पिता ने उनके शवों को फटे दुपट्टे के साथ बेर के पेड़ से लटकते हुए देखा.”
29 फरवरी को एक बयान में कानपुर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून और व्यवस्था) हरीश चंदर ने कहा कि दोपहर 12:30 बजे घाटमपुर पुलिस को शवों के बारे में सूचना मिली.
उन्होंने कहा, “लड़कियों के परिवार के सदस्यों ने कहा कि सामूहिक बलात्कार से पहले लड़कियों को पीटा गया और आपत्तिजनक स्थितियों में उनके वीडियो बनाए गए थे. हमने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. आगे की कानूनी कार्रवाई लड़कियों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट मिलने के बाद होगी. एक फोरेंसिक टीम ने अपराध स्थल के वीडियो और तस्वीरें ली हैं.”
पुलिस ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा-376डी (गैंगरेप), 306 (आत्महत्या के लिए उकसाना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (किसी को उकसाने के लिए जानबूझकर अपमान करना) और POCSO और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है.
एसीपी (घाटमपुर) रणजीत कुमार ने दिप्रिंट को बताया कि वे पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “लड़कियों को ईंट भट्ठे के पास एक पेड़ से लटका हुआ पाया गया. परिवार ने आरोप लगाया है कि लड़कियों का सामूहिक बलात्कार किया गया, लेकिन यह नहीं बताया कि बलात्कार कहां किया गया. बहुत सी अफवाहें फैल रही हैं, लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट हमारी जांच में एक महत्वपूर्ण कदम होगी. हम रिपोर्ट का इंतज़ार कर रहे हैं और तब तक हमें खुद को रोक कर रखना होगा.”
(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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